करंट टॉपिक्स

ऐतिहासिक होगी बाबा अमरनाथ की यात्रा; तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था

Spread the love

जम्मू कश्मीर. इस वर्ष बाबा अमरनाथ की यात्रा 1 जुलाई से 31 अगस्त तक चलेगी. यानि पवित्र अमरनाथ यात्रा कुल 62 दिनों की होगी. इससे पहले यात्रा एक माह या ज्यादा से ज्यादा 45 दिनों की होती थी. लेकिन इस वर्ष यह यात्रा ऐतिहासिक होने वाली है. इस वर्ष तीर्थयात्रियों की संख्या में भी बढ़ोतरी संभव है. यात्रियों की सुविधा व सुरक्षा को पहली प्राथमिकता पर रखते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन और सुरक्षाबल युद्धस्तर पर तैयारियों में जुटे हैं.

राजधानी श्रीनगर के उत्तर-पूर्व में 135 किलोमीटर दूर समुद्रतल से 13,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा में दर्शन के लिए हर साल यहां लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं.

3 जून को पवित्र अमरनाथ गुफा में विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पहली पूजा की गई. इस दौरान जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा वर्चुअली प्रथम पूजा में शामिल हुए. प्रथम पूजा के साथ ही यात्रा के लिए पवित्र श्री अमरनाथ जी की गुफा को खोल दिया गया है. इस बार यात्रा कई अर्थों में ऐतिहासिक होने वाली है.

जम्मू कश्मीर प्रशासन और अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने सीमा सड़क संगठन (BRO) को अमरनाथ गुफा तक आने-जाने वाले दोनों रास्तों – पहलगाम और बालटाल के रख रखाव और अपग्रडेशन का काम सौंपा है. अमरनाथ यात्रा के इतिहास में यह पहली बार है कि अमरनाथ यात्रा ट्रैक के रखरखाव के समग्र नियंत्रण को बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) को सौंपा गया है.

यात्रा को लेकर बैठकों का दौर शुरू

जिला उधमपुर में आगामी अमरनाथ यात्रा 2023 की व्यवस्थाओं पर चर्चा करने के लिए, उपायुक्त (डीसी) सचिन कुमार वैश्य ने सम्मेलन हॉल डीसी कार्यालय परिसर में हितधारक विभागों के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई. व्यवस्थाओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया, जिसमें लॉजमेंट केंद्रों की स्थापना, लंगरों की स्थापना, चिकित्सा सुविधाएं, पेयजल सुविधाएं, बिजली की व्यवस्था, अस्थायी और निर्मित शौचालयों की स्थापना, स्वच्छता, यातायात प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था, नियंत्रण कक्ष की स्थापना शामिल है. दरों की जांच, विभागीय स्टालों की स्थापना, मजिस्ट्रेटों की तैनाती, समन्वय समितियों का गठन, आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र, साइनेज बोर्डों की स्थापना आदि. एसएसपी उधमपुर को संवेदनशील स्थानों, लॉज सेंटरों, ट्रांजिट कैंपों और लंगर स्थलों पर पुलिस कर्मियों और महिला पुलिस को तैनात करके पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.

पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन

दुनियाभर के असंख्य भक्तों के लिए, बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा की यात्रा करना और शिवलिंग के दर्शन करना जीवन भर का सपना होता है. यात्रा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी सफलता पूर्वक संपन्न करवाने के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारी परिश्रम कर रहे हैं. 62 दिनों तक चलने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा अनंतनाग जिले के पहलगाम और जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के बालटाल से शुरू होगी. जम्मू-कश्मीर में यात्रा के लिए पंजीकरण 17 अप्रैल को शुरू हुआ था. पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से हो रहा है.

त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था

श्रद्धालुओं के लिए पिछले साल की तुलना में बेहतर व्यवस्था की गई है. एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में जितने भी श्रद्धालु आते हैं, प्रशासन उनकी मेजबानी के लिए तैयार है और इस साल अच्छी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. सुरक्षा की दृष्टि से यात्रा में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी. यात्रा के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जाएगी. इसके अलावा सुरक्षाबलों की अतिरिक्त टुकड़ी तैनात होगी. जम्मू-कश्मीर सरकार ने यात्रा के सुचारू संचालन के लिए गृह मंत्रालय से अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त 250 कंपनियों की मांग की है.

Leave a Reply

Your email address will not be published.