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मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए लैपटॉप, टैबलेट, पीसी के आयात पर प्रतिबंध

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नई दिल्ली. सरकार ने पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप, पामटॉप, ऑटोमैटिक डेटा प्रोसेसिंग मशीन, माइक्रो कंप्यूटर/प्रोसेसर के आयात को तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है. कहा जा रहा है कि सरकार ने मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय ने गुरुवार (3 अगस्त) को जारी एक अधिसूचना में कहा कि एचएसएन कोड 8471 की सात कैटेगरीज के तहत कंप्यूटर और अन्य वस्तुओं के आयात को प्रतिबंधित कर दिया गया है. हालांकि यह प्रतिबंध बैगेज नियमों के तहत आयात पर लागू नहीं होगा. सरकार के इस निर्णय को चीन से भी जोड़कर देखा जा रहा है, दरअसल वर्तमान समय में इन प्रोडक्ट्स के अधिकांश हिस्से चीन से आयात किए जाते हैं.

सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर (यूएसएफएफ) कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर सुरक्षा कारणों से और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ‘अंकुश’ लगाया है. इससे केवल चीन ही नहीं, बल्कि दक्षिण कोरिया जैसे देशों से इन वस्तुओं का आयात घटेगा. आयात अंकुश तत्काल प्रभाव से लागू है. किसी उत्पाद के आयात को अंकुश की श्रेणी में डालने का मतलब है कि उनके आयात के लिए लाइसेंस या सरकार की अनुमति अनिवार्य होगी.

कंपनियों को भारत में स्थानीय स्तर पर निर्माण करने के लिए प्रेरित करना है, क्योंकि देश इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अपनी घरेलू उत्पादन क्षमता को मजबूत करना चाहता है. इस कदम का लक्ष्य लैपटॉप, सर्वर और पर्सनल कंप्यूटर निर्माताओं के अलावा अन्य निर्माताओं को बढ़ावा देना है – क्योंकि इन सेगमेंट में अधिकांश आयात चीन से होता है. भारत ने आयात के लिए जिन सात श्रेणियों पर प्रतिबंधित लगाया है, उनमें से अधिकांश हिस्सा चीन से आता है. अप्रैल-मई के दौरान, भारत ने इन सात श्रेणियों के लिए चीन से 743.56 मिलियन डॉलर का आयात किया था.

आयात में सबसे अधिक हिस्सेदारी लैपटॉप और पामटॉप सहित पर्सनल कंप्यूटर कैटेगरीज की है, जिसके तहत इस साल अप्रैल-मई में चीन से आयात 558.36 मिलियन डॉलर रहा, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 618.26 मिलियन डॉलर था. भारत के पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप के आयात में चीन की हिस्सेदारी लगभग 70-80 प्रतिशत है.

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने गुरुवार को जारी अधिसूचना में कहा कि शोध एवं विकास, परीक्षण, बेंचमार्किंग, मूल्यांकन, मरम्मत तथा उत्पाद विकास के उद्देश्य से अब 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंस की छूट रहेगी. ‘लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर के आयात को तत्काल प्रभाव से ‘अंकुश’ की श्रेणी में डाला गया है.’ सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और यह कदम विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के अनुपालन के तहत उठाया गया है.

अधिसूचना में कहा गया कि माइक्रो कंप्यूटर, बड़े कंप्यूटर और कुछ डाटा प्रोसेसिंग मशीनों को भी आयात अंकुश की श्रेणी में रखा गया है. इसमें कहा गया कि वैध लाइसेंस होने पर इन उत्पादों के आयात की अनुमति दी जाएगी. हालांकि, ये अंकुश बैगेज नियम के तहत लागू नहीं होंगे. ‘‘एक लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिये खरीदे गए, डाक या कूरियर से मंगाए जाने वाले उत्पाद पर आयात लाइसेंस की अनिवार्यता की छूट रहेगी. ऐसे मामलों में लागू शुल्क का भुगतान कर आयात किया जा सकता है.’’

सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए कई कदम उठाए हैं. भारतीय बाजार में बिकने वाले प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक ब्रांड में एचसीएल, सैमसंग, डेल, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, एसर, एप्पल, लेनोवो और एचपी शामिल हैं. भारत ने 2022-23 में लैपटॉप सहित 5.33 अरब डॉलर मूल्य के पर्सनल कंप्यूटर का आयात किया है. 2021-22 में यह आंकड़ा 7.37 अरब डॉलर रहा था.

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