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बांग्लादेश – हिन्दुओं और मंदिरों पर हमलों को झुठलाने में जुटा लिबरल ईको-सिस्टम

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बांग्लादेश में समाचार (बंगाली व अंग्रेजी) स्पष्ट लिख रहे हैं कि कैसे बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले किए जा रहे हैं, उनके प्रतिष्ठान और मंदिरों को लूटा जा रहा है. वहीं भारत में एक कथित लिबरल वर्ग कह रहा है कि केवल भारत में रह रहे हिन्दू अफवाह फैला रहे हैं. हिन्दू विरोधी प्रोपेगेंडा चलाने वाले ज़ुबैर से लेकर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई सहित कई लोग हैं जो यह स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं कि बांग्लादेश में हिन्दुओं के विरुद्ध कुछ हो ही नहीं रहा है. केवल भारतीय टीवी मीडिया ही दुनिया के सामने हिन्दू बनाम मुसलमान का नैरेटिव ला रहा है.

अपने बॉयो में पत्रकार लिखने वाले अरविन्द गुणसेकर ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा –

Only Indian TV Media in the world can give ‘Hindus vs Muslims’ narrative to #BangladeshCrisis. Experts in the field !!

https://x.com/arvindgunasekar/status/1820801569580798290

इसी पोस्ट को कोट करते हुए एक यूजर ने लिखा – ‘बीबीसी और बांग्लादेशी समाचारपत्रों के ये समाचार हैं’. ये लोग जब सामने से छपी हुई स्टोरीज़ को मिटा रहे हैं, तो ये सामान्य पत्रकारिता वाली कहानी में क्या करते होंगे?

These are stories from BBC and Bangladeshi Papers. If these guys are blatantly whitewashing stories that are covered by Bangladeshi newspapers, imagine how much twist they would be giving to their normal journalistic stories.

https://x.com/x_rahulraj/status/1821024931825479706

सोशल मीडिया पर ही नहीं, बल्कि इंटरनेट पर विदेशी पोर्टल्स भी हिन्दू विरोधी हिंसा का समाचार दे रहे है. बीबीसी में लिखा कि “यहाँ पर कोई कानून व्यवस्था नहीं है और हिन्दुओं को फिर से निशाना बनाया जा रहा है!” इस रिपोर्ट में अविरूप सरकार के हवाले से कहा गया है कि उनकी विधवा बहन के घर पर हमला हुआ और उनके घर से भीड़ नकद और गहने आदि लूट कर ले गई. उनका टीवी, बाथरूम फिटिंग और दरवाजे आदि सब तोड़ दिए और उन्हें यह धमकी देते हुए गए कि वे लोग अवामी लीग के समर्थक हैं, इसलिए वे देश छोड़कर चले जाएं.

अविरूप के अनुसार ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. जब भी कभी अवामी लीग कमजोर होती है तो हिन्दुओं पर ही हमला होता है.

सोशल मीडिया पर लोग वीडियो भेज रहे हैं कि आखिर कैसे हमले हो रहे हैं और कैसे हिन्दुओं और उनकी संपत्ति को निशाना बनाया जा रहा है. एक्स पर वॉयस ऑफ बांग्लादेशी हिन्दूज़ नामक हैंडल वहाँ के हाल निरंतर दे रहा है. उसने एक सूची दी कि कितने हमले हुए हैं –

https://x.com/VoiceofHindu71/status/1820526172398387634

बांग्लादेश के गायक और कलाकार राहुल आनंदा के घर पर हमला किया गया और उनके घर पर रखे गए लगभग 3000 वाद्ययंत्रों को आग के हवाले कर दिया गया.

राहुल आनंदा का घर 140 वर्ष पुराना था और वहाँ पर ऐसे भी वाद्ययंत्र थे जो राहुल ने खुद बनाए थे. राहुल पूरी ज़िंदगी अपने कौमी मित्रों के प्यार की बातें करते रहे और उनके घर को ही नहीं छोड़ा. ऐसा कहा जा रहा है कि हालांकि वे शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं, परंतु मानसिक रूप से टूट गए हैं. पिछले वर्ष सितंबर में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों भी राहुल के घर में गए थे और प्रशंसा की थी.

इसके साथ ही रवीन्द्रनाथ टैगोर की भी प्रतिमा के तोड़े जाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर हैं. परंतु फिर भी एक बहुत बड़ा वर्ग सोशल मीडिया पर कह रहा है कि स्थानीय मुस्लिम मंदिरों की रक्षा कर रहे हैं और उनमें ज़ुबैर सबसे बढ़कर हिन्दुओं पर हुए हो रहे हमलों को नकारने का प्रयास कर रहा है. उसने कई मंदिरों की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा कि भारत में दक्षिणपंथी अकाउंट सांप्रदायिक प्रोपेगैंडा फैला रहे हैं. मगर बांग्लादेश में स्थानीय मुस्लिम मंदिरों की रक्षा कर रहे हैं. इस पर लोगों ने उससे पूछा कि आखिर मुस्लिम मंदिरों की रक्षा “किससे कर रहे हैं?”

यही प्रश्न पूछा जाना चाहिए कि यदि मुस्लिम मंदिरों की रक्षा कर रहे हैं तो वे किससे रक्षा कर रहे हैं? कौन है जो इन मंदिरों पर हमले कर रहा है? यह न ही पहला मामला है और न ही शायद यह अंतिम होगा. वर्ष 2021 में दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों को जलाने की घटना कौन भूल सकता है?

ज़ुबैर द्वारा किए गए पोस्ट पर दिलीप मण्डल ने लिखा – यह इमेज मैनेजमेंट बता रहा है कि “बांग्लादेश में हालात कितने ख़राब हैं. ये सब करना पड़ रहा है? ज़ुबैर तुम अपने को फैक्ट चेकर बोलना बंद कर दो. तुम खुद को सीधे धर्म रक्षक बोलो. तुम्हारी फैक्ट चेकिंग one dimensional है”.

https://x.com/Profdilipmandal/status/1820672840741327180

हिन्दुओं के साथ हो रही हिंसा को नकारने में ज़ुबैर जैसे लोग ही नहीं, बल्कि इंडिया टुडे नेटवर्क में कार्य करने वाले पत्रकार राजदीप सरदेसाई भी सम्मिलित हैं. राजदीप ने लिखा कि बांग्लादेश की समस्या को हिन्दू या मुस्लिम की दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए.

इस पोस्ट को दोबारा पोस्ट करते हुए आदित्य राज कौल ने लिखा कि यह सच है कि बांग्लादेश में हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही मारे जा रहे हैं. मगर केवल हिन्दू अल्पसंख्यक अपनी धार्मिक पहचान के कारण मारे जा रहे हैं और अभी तक एक भी मस्जिद नष्ट नहीं की गई है, जबकि हिन्दू मंदिरों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है.

https://x.com/AdityaRajKaul/status/1820882207944405300

हैरान करने वाली बात है कि जब जब यह समाचार आया कि शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश प्रगति कर रहा है और वह भारत आर्थिक प्रगति में पीछे छोड़ देगा, तो यही वर्ग था जो मोदी को नीचा दिखाने के लिए शेख हसीना की तारीफ करता था और आज वही वर्ग शेख हसीना को तानाशाह बताकर मोदी को भी नतीजे भुगतने की धमकी दे रहा है.

सोशल मीडिया पर ध्रुव राठी का वह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें उसने बांग्लादेश को भारत से बहुत आगे बताया था. जैसे खुद को लोक गायिका कहने वाली नेहा सिंह राठौड़, ने एक्स पर लगातार दो पोस्ट किए थे और जिनमें कहा था कि “पाप की बाल्टी भरते देर नहीं लगती साहब. पड़ोसन की तो भर गई—आप अपनी देख लें!”

https://x.com/nehafolksinger/status/1820455858494705719

लोकतंत्र में सरकार का आना-जाना चलता रहता है और भारत का लोकतंत्र ऐसा है जो हर दल को अवसर देता है, परंतु वह उस प्रकार की हिंसा नहीं करता जैसी कि कथित क्रांति के दौरान बांग्लादेश में हुई, जिसमें प्रधानमंत्री के घर से चीजें लूटकर ले जाएं. यह लूट या क्रांति नहीं, बल्कि एक प्रकार की विकृत मानसिकता है. जिसका प्रदर्शन वहाँ ही नहीं, बल्कि यहाँ भी लोग कर रहे हैं.

https://x.com/khanumarfa/status/1820524542856700085

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