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बंजारा समुदाय हिन्दू समाज का अविभाज्य हिस्सा – महंत जितेंद्र महाराज जी

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गणतंत्र दिवस पर संतों ने किया ध्वजवंदन; बंजारा समुदाय पर प्रस्ताव पारित

जामनेर. गोर बंजारा समाज हिन्दू समाज का ही अविभाज्य हिस्सा है और हम सब सनातन धर्मी हैं. भारत में कई प्रांतों में पैसों का लालच दिखाकर व तंत्र-मंत्र के बहकावे में लाकर मिशनरियों द्वारा आक्रमण किया जा रहा है. महाराष्ट्र व तेलंगाना में बड़ी संख्या में धर्मांतरण हो रहा है. गोर बंजारा की संस्कृति विशाल है. अपने तीज के गीत, होली के गीत और दिवाली के गीत हम सबने जतन कर रखे हैं. इतनी विशाल संस्कृति होने के बावजूद कुछ लोग हमें लालच दिखाकर धर्मांतरण कर रहे हैं, यह हमारे लिए अच्छी बात नहीं है. वामसेफ जैसे संगठन जानबूझकर समाज में संभ्रम पैदा कर रहे हैं. उनसे दूर रहिये. उपस्थितजनों से यह आह्वान अखिल भारतीय हिन्दू गोर बंजारा कुंभ के दूसरे दिन धर्मसभा में पोहरागढ़ के महंत जितेंद्र महाराज जी ने किया.

उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के कारण गोर बंजारा समुदाय की हानि हो रही है. हम हिन्दू धर्म का ही हिस्सा हैं. लोग भ्रांतियां फैलाने का प्रयास करते हैं. पार्वती को हम भवानी मानते हैं और पार्वती पुत्र गणेश का विरोध करते हैं. गोरमाटी संस्कृति हिन्दू संस्कृति का ही हिस्सा है. लव जिहाद देश में दूसरा आतंकवाद है.

उन्होंने महाराष्ट्र के गोद्री (जि. जलगांव) में अखिल भारतीय हिन्दू गोर बंजारा व लबाना नायकड़ा समाज कुंभ के दूसरे दिन धर्मसभा में संबोधित किया. इस अवसर पर मंच पर अ. भा. सह धर्मजागरण प्रमुख श्यामजी हरकरे, संत गोपाल चैतन्य जी महाराज, पू. संत बाबूसिंह जी महाराज, डॉ. मोहन सिंह चव्हाण, पू. संत गुरुप्रसाद जी नायक (बेंगलोर), पू. संत सुरेश जी महाराज, विनायकराव देशपांडे, पू. संत महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद जी महाराज, पू. स्वामी गोविंददेवगिरी जी महाराज, शाम चैतन्य जी महाराज, दिव्य चैतन्य जी महाराज आदि उपस्थित थे. इससे पूर्व गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में सुबह 10 बजे मान्यवर संतों ने कुंभस्थल पर ध्वजवंदन किया.

श्यामजी हरकरे ने कहा, “भारत पर हूण, शक और ग्रीकों ने आक्रमण किया. हिन्दुओं ने उनका प्रतिकार किया. उन्हें पराजित कर उन्हें धर्म और देश के बारे में बताया, जिसे समझकर उन्होंने आत्मसात किया. वे वैष्णव व शैव बने. मुस्लिम और ईसाईयों ने आक्रमण किया, उन्होंने केवल अपना ही धर्म सत्य मानकर मंदिरों को नष्ट किया. हिन्दुओं की संख्या कम करने का प्रयास किया. हिन्दुओं का धर्मांतरण किया. लेकिन संतों ने समाज को जागृत किया. हिन्दू धर्मांतरित हुआ तो एक हिन्दू घटता है और देश का दुश्मन बढ़ता है. जहां धर्मांतरित लोग बढ़ते हैं, वह भूमि देश से अलग होती है. धर्मांतरित होने वालों की घर वापसी करने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है.”

पू. संतगोपाल चैतन्य जी महाराज ने कहा कि यह कुंभ धर्म का कार्यक्रम है. धर्म जिंदा रहा तो हम जिंदा रहेंगे. राष्ट्र जीवंत रहेगा. धर्म की रक्षा का दायित्व हमारा है. कुंभ के चलते धर्मांतरण का सत्य सामने आया है. समाज को धर्महीन बनाया जा रहा है. लालच देकर धर्मांतरण किया जा रहा है. ईसाई विद्यालयों में छात्रों को तिलक न लगाने, माला न पहनने के संस्कार किए जाते हैं. अपने बच्चों को ऐसे विद्यालयों में न भेजें. हिन्दू संस्कारों वाले विद्यालयों में ही बच्चों को भेजें. गुरु में निष्ठा होनी चाहिए. धर्म ही हमारा प्राण है और गुरु का हाथ पक़ड़कर हमें धर्म की रक्षा करनी है.

पू. संत बाबूसिंह जी महाराज ने कहा कि इस कुंभ में पूरे देश से संत और भक्त आए हैं. संतों ने 4 महीनों तक गांव-गांव जाकर कुंभ के बारे में जागरण किया है. कुंभ का कुछ लोग विरोध कर रहे हैं, लेकिन  जब-जब विरोध होता है, तब-तब कार्यक्रम सफल होता है.

डॉ. मोहन सिंह चव्हाण ने बंजारा समुदाय के लिए धर्मसभा में प्रस्ताव रखा. इसमें कहा गया कि बाला जी, जगदंबा, भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर हर तांडे पर रहेंगे. हर परिवार सुबह-शाम मंदिर में आरती के लिए जाने की परंपरा बनाएगा. घर-घर में महापुरुष संत सेवालाल, रामराव बापू व गुरु नानकदेव जी के चित्र रखे जाएंगे. पूज्य सेवालाल नित्य पाठ किया जाएगा. बंजारा “गोरमाटी” भाषा का रक्षण व संवर्धन करेंगे. यह प्रस्ताव एकमत से स्वीकार किया गया. लव जिहाद रोकने के लिए परिवारों में लड़कियों को हिन्दू संस्कार देने का मार्गदर्शन किया. उन्होंने कहा कि हमने हिन्दू धर्म में जन्म लिया है और धर्म का ऋण चुकाने का समय आ गया है.

विश्व हिन्दू परिषद संगठन मंत्री विनायकराव देशपांडे ने कहा कि सेवालाल महाराज गोसेवक थे. उन्होंने आजीवन गोसेवा की, हर जीव की सेवा की. आपका धर्मांतरण करने हेतु आने वाले ईसाई मिशनरी व मुल्ला मौलवी गोहत्या करने वाले हैं. उनसे सावधान रहना होगा. हम श्री कृष्णाष्टमी, रामनवमी, होली, दिवाली साथ में मनाते हैं. हमारे भगवानों ने पराक्रम किया है. दुष्टों का संहार किया है. इसलिए हमारे भगवान शक्तिमान और हमारा धर्म श्रेष्ठ है. हिन्दुओं का धर्मांतरण कर मिशनरियों को जनसंख्या बढ़ानी है, दूसरों को भी अपनी जनसंख्या बढ़ानी है. इसलिए जनगणना के माध्यम से देशविरोधी बड़ा षडयंत्र जारी है और हिन्दुओं में फूट डालने के प्रयास जारी हैं. हिन्दुओं की जाति-जाति में संघर्ष पैदा करने के प्रयास हो रहे हैं. इसलिए आगामी जनगणना में अपना धर्म ‘हिन्दू’ लिखवाने का आह्वान किया.

पू. संत महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद जी महाराज ने कहा कि यह कुंभ हिन्दू परंपरा की कार्यशाला है. मुगल और अंग्रेजों के साथ कुछ विकृतियां भी देश में आईं. देश का विभाजन अगर धर्म के आधार पर हुआ तो भारत हिन्दू राष्ट्र होना चाहिए था. भारतीय संविधान लोकतंत्र की गीता है. हमारे पूर्वजों ने घुटने नहीं टेके, बल्कि संघर्ष किया. संतों ने भारत जोड़ने का काम किया. गोहत्या रोकने के लिए कठोर कानून होना चाहिए.

अगले वर्ष बसंत पंचमी के दिन राम मंदिर पूर्ण होगा – पू. गोविंद देवगिरी जी महाराज

पू. संत. गोविंददेवगिरी जी महाराज ने कहा कि संतों ने देश में धर्म को जीवंत रखा. मिशनरियों के चंगुल में मत फंसना. जो लोग हमें हिन्दुओं से दूर करने का प्रयास करेंगे उनसे सावधान रहिए. श्रीराम ने वनवासियों को गले लगाया. हम हिन्दू रहेंगे और अन्य को भी हिन्दू रखेंगे. अगले वर्ष बसंत पंचमी के दिन राम मंदिर पूर्ण होगा. मैं अयोध्या का निमंत्रण देने हेतु आया हूं. अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर खुलने से पहले एक करोड़ हनुमान चालीसा पाठ का अभियान शुरु किया है. राम मंदिर राष्ट्र मंदिर है. आगामी चार शतक भारत के रहेंगे.

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