भारत सरकार ने इस वर्ष प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एवं भारत में कृषि क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन (मनकोम्बु संबाशिवन स्वामीनाथन) को भारत रत्न देने की घोषणा की है. इनके साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भी भारत रत्न देने की घोषणा की गई है. इससे पूर्व कर्पुरी ठाकुर और लालकृष्ण आडवाणी को भी भारत रत्न देने की घोषणा केंद्र सरकार ने की थी.
प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथ का जन्म मद्रास प्रेसिडेंसी में साल 1925 में हुआ था. स्वामीनाथन 11 साल के ही थे जब उनके पिता की मृत्यु हो गई. उनके बड़े भाई ने पढ़ा-लिखाकर बड़ा किया.
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1943 में बंगाल में भीषण अकाल पड़ा था, जिसने स्वामीनाथन को झकझोर कर रख दिया. इसे देखते हुए उन्होंने 1944 में मद्रास एग्रीकल्चरल कॉलेज से कृषि विज्ञान में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की. 1947 में वह आनुवंशिकी और पादप प्रजनन की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) आ गए. उन्होंने 1949 में साइटोजेनेटिक्स में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की. उन्होंने अपना शोध आलू पर किया था.
परिवार की ओर एमएस स्वामीनाथन पर सिविल सेवा की परीक्षा तैयारी करने का दबाव था. स्वामीनाथन सिविल सेवा की परीक्षा में भी शामिल हुए और भारतीय पुलिस सेवा में उनका चयन भी हुआ. उसी दौरान नीदरलैंड में आनुवंशिकी में यूनेस्को फेलोशिप के रूप में कृषि क्षेत्र में अवसर मिला. स्वामीनाथन ने पुलिस सेवा को छोड़कर नीदरलैंड जाना उचित समझा. 1954 में वापिस भारत आ गए और यहीं कृषि के लिए काम करना प्रारंभ किया.
एमएस स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का अगुआ माना जाता है. वह पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने सबसे पहले गेहूं की एक बेहतरीन किस्म की पहचान की. इसके कारण भारत में गेहूं उत्पादन में वृद्धि हुई.
देश को अकाल से उबारने और किसानों को मजबूत बनाने वाली नीति बनाने में उन्होंने अहम योगदान निभाया था. उनकी अध्यक्षता में आयोग भी बनाया गया था, जिसने किसानों की जिंदगी को सुधारने के लिए कई अहम सिफारिशें की थीं.
स्वामीनाथन को उनके काम के लिए कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है, जिसमें पद्मश्री (1967), पद्मभूषण (1972), पद्मविभूषण (1989), मैग्सेसे पुरस्कार (1971) और विश्व खाद्य पुरस्कार (1987) महत्वपूर्ण हैं. पिछले साल 28 सितंबर को एमएस स्वामीनाथन का चेन्नई में निधन हो गया था.