नई दिल्ली. भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ को जिलों, ब्लाक व गांवों के असंगठित क्षेत्रों में अपने कार्य का विस्तार करना चाहिए. और क्षेत्र में अपेक्षित परिवर्तन लाना चाहिए. भारतीय मजदूर संघ को शोषण मुक्त भारत के लिए काम करना है. देश में सभी को न्याय मिलना चाहिए. भारतीय मजदूर संघ के कार्यों का उल्लेख करते हुए सरसंघचालक जी ने कहा बीएमएस ने राष्ट्र, उद्योग और श्रमिक के हितों के साथ सामंजस्य बैठाकर बेहतर ढंग से काम किया है. इससे समाज के हर वर्ग के श्रमिक को उसका अधिकार मिला है. उनके विकास को ध्यान में रख कर काम कर रहा है, इतना ही नहीं अन्य संगठनों के साथ मित्रतापूर्ण समन्वय बनाकर कर रहा है.
सरसंघचालक जी ने कहा हमें अपनी मूल राष्ट्रीय विचारधारा से जुड़े रहना चाहिए. अपने मूल सिद्धांतों को आगे रख कर काम करना चाहिए. भारतीय विचारों व मूल्यों पर विश्वास रखना चाहिए. श्रमिकों की प्रतिबद्धता और मेहनत से संगठन मजबूत होता है. श्रम के क्षेत्र में एक नई संस्कृति बनाएं और इसके विकास के लिए काम करें. उन्होंने प्रौद्योगिकी क्षेत्रों के साथ जुड़ कर कार्य करने का संदेश दिया.
भारतीय मजदूर संघ के सम्मेलन में पूरे भारत में लगभग 6000 यूनियन और 40 महासंघों का प्रतिनिधित्व करने वाले 3000 प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
सम्मेलन में उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता सीके साजी नारायणन ने की. उन्होंने कहा कि भारत ने कोविड-19 के दौरान सामाजिक भाईचारे का उदाहरण प्रस्तुत कर एक-दूसरे की सहायता की. भारतीय मजदूर संघ श्रमिकों के अधिकार की रक्षा और उनके विकास के लिए काम कर रहा है. सत्र का संचालन बीएमएस के महासचिव व्रिजेश उपाध्याय ने किया. सरसंघचालक ने वयोवृद्ध कार्यकर्ताओं कृष्णलाल पाथेला और अमरनाथ डोगरा को सम्मानित किया.