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भोपाल –  राशन किट का वितरण कर रही सेवा भारती, सेवा भारती का प्रयास कोई भूखा न सोए

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भोपाल (विसंकें). कोरोना के संक्रमणकालीन दौर में सेवा भारती मध्यभारत के स्वयंसेवक स्वयं की चिंता किए बिना सभी गाँवों, शहरों और बस्तियों (झुग्गी झोपड़ी) में रहने वाले लोगों को कोरोना के प्राणघातक दंश से बचाने के लिए जनजागरण अभियान चला रहे हैं. सेवा भारती के कार्यकर्ता हर जरूरतमंद व्यक्ति के भोजन पानी की भी चिंता कर रहे है ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए. कोरोना की दूसरी लहर एक नई विभीषिका के तौर पर लोगों के समक्ष चुनौती लेकर आई है. चुनौती उनके सामने है जो प्रतिदिन मजदूरी करके अपना गुजारा करते हैं तो चुनौती उनके सामने भी है जो समाज के वंचित वर्ग तक सेवा के माध्यम से अपना दायित्व निभा रहे हैं.

सेवा भारती भोपाल महानगर द्वारा 1 मई से सेवा बस्तियों में राशन सामग्री वितरण आरंभ हो चुका है. सेवा भारती द्वारा वैसे परिवारों के घरों तक राशन सामग्री पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है जो कोरोना संक्रमण से पीड़ित हैं और उनके घरों में भोजन की समस्या उत्पन्न हो रही है. सेवा भारती भोपाल में चलने वाले संस्कार केंद्रों की निरीक्षिका दीदियों के माध्यम से सेवा बस्तियों के वैसे परिवारों को चिन्हित कर रही हैं, जिन्हें सहयोग की आवश्यकता है.

सेवा भारती भोपाल के सचिव धनीराम सिंह जी पवार के अनुसार एक राशन किट में 5 किलोग्राम आटा, 3 किलोग्राम चावल, 1 किलोग्राम तेल, 1 किलोग्राम दाल, 1 किलोग्राम शक्कर और  1 नमक के पैकेट के साथ 5 मास्क सेवा बस्तियों में रहने वाले हर जरूरतमंद व्यक्ति को उपलब्ध कराया जा रहा है. समाज के सामने आए इस संकट के समय में सेवा भारती अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए सेवा कार्य कर रही है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार महानगर भोपाल में बनाए गए विभिन्न केंद्रों के माध्यम से राशन किट वितरित किए जा रहे हैं. वितरण के लिए अब तक तैयार किए गए एक हजार राशन किट में से लगभग 700 पैकेट वितरित किए जा चुके है. सेवा भारती के स्वयंसेवक टोली बनाकर चिन्हित घरों के द्वार पर सीधे राशन सामग्री उपलब्ध करा रहे है.

कोरोना की पहली लहर में भी सेवा भारती मध्यभारत द्वारा पूरे प्रांत में वृहद स्तर पर राशन किट एवं भोजन सामग्री वितरित किया गया था. तब सेवा भारती के कार्यकर्ताओं द्वारा 44,87,000 के लगभग भोजन के पैकेट, 1,54,107 सूखे राशन के पैकेट, 1,97,662 मास्क एवं 1.5 लाख से भी अधिक दवा किट वितरित किए गए थे. संकट के उस विकट समय में सेवा भारती के कार्यकर्ता संकटमोचन की भूमिका में आकर उनके सामने की सभी चुनौतियों का निपटान किया था. कोरोना की पहली लहर से उबर कर खड़े होने का प्रयास करने वाले समाज के जन जीवन को कोरोना की दूसरी लहर ने प्रभावित किया है, रोज कमा कर खाने वाले लोगों के सामने एक बार फिर चुनौतियों का अंबार है. सेवा भारती मध्यभारत ने पूरे समाज को अपना मानकर सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए वृहद स्तर पर एक बार फिर राशन एवं भोजन सामग्री वितरण करना आरंभ कर दिया है.

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