पुलिस ने बिजनौर में तीन दिन पूर्व हुए हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है. मृतक शिवम के भाई की मुस्लिम युवती से दोस्ती थी और वह उसे फोन करता था. युवती के पिता ने अन्य साथियों के साथ मिलकर शिवम की पत्थरों से पीट-पीटकर हत्या कर दी थी, उसके शव को जला दिया था, जिससे उसकी पहचान न हो सके. घटना के बाद से ह क्षेत्र में तनाव का माहौल है. पुलिस ने मामले को सुलझाने के साथ ही मुख्य आरोपी सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
मोहल्ला बाड़वान निवासी रामगोपाल का पुत्र शिवम उर्फ सोनू (23) गुरुवार शाम छह बजे परिजनों से खाना बनाने को कहकर घर से गया था, लेकिन घर नहीं लौटा. शुक्रवार की सुबह शिवम का अधजला शव बिजनौर इंटर कॉलेज बिजनौर व झालू बस स्टैंड के बीच झाड़ियों में पड़ा मिला था. शिवम के परिजनों ने असगर, उसके तीन पुत्रों नसीम, एजाद, नईम व आरिफ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
शहर कोतवाल राजेश सोलंकी के अनुसार आरिफ, नईम, एजाद को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उन्होंने शिवम की हत्या करने की बात को स्वीकार कर लिया.
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, आरिफ ने पुलिस को बताया कि शिवम का भाई दीपक उसकी बेटी को फोन करता था. यह बात उसकी बेटी ने उसे बताई थी. शिवम का बड़ा भाई सागर असगर की बेटी को एक साल पहले बहला-फुसलाकर ले गया था. उसकी गर्भवती लड़की ने बच्चे को जन्म दिया है. इस मामले में सागर जेल में बंद है. आरिफ ने असगर के पुत्रों नसीम, एजाद व नईम के साथ मिलकर शिवम की हत्या की योजना बनाई.
आरिफ के अनुसार, शिवम नशा करने का आदि था. आरिफ ने गुरुवार की शाम उसे नशा कराकर इधर-उधर घुमाया. इसके बाद चारों ने पत्थर से पीटकर उसकी हत्या कर दी. शव की पहचान छिपाने के लिए चेहरा जला दिया.
‘दैनिक जागरण’ की रिपोर्ट के अनुसार मृतक के भाई वासु ने बताया कि उसका एक भाई सागर है, पड़ोस के ही मुस्लिम समुदाय की एक लड़की को साथ ले गया था. लगभग 5 महीने पहले पुलिस ने सागर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और लड़की को परिजनों को सौंप दिया था. सागर अभी भी जेल में ही है. शिवम अपने भाई सागर की पैरवी करता था और इसी बात से पड़ोस के लोग उससे रंजिश रखते थे.