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वाल्मिकी समाज के युवक की बेरहमी से पिटाई, घायल युवक की मौत

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झालावाड़. झालावाड़ के झालरापाटन में निर्ममता से पिटाई कर वाल्मिकी समाज के युवक की हत्या को लेकर पूरे प्रदेश के लोगों ने नाराजगी प्रकट की है. नामजद अभियोग दर्ज होने के बाद भी सभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से लोगों में रोष है.

शहर के हल्दीघाटी रोड पर एक जुलाई को दिनदहाड़े जानलेवा हमले में युवक कृष्णा वाल्मिकी गंभीर रूप से घायल हो गया था. कृष्णा की मंगलवार सुबह साढ़े 8 बजे जयपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई. परिवारजनों ने बताया कि मृतक कृष्णा वाल्मिकी पर एक दर्जन से अधिक युवाओं ने हत्या करने की नियत से हमला किया था. उनका कहना है कि समाज में दहशत फैलाने के उद्देश्य से आरोपियों ने मारपीट का वीडियो भी वायरल किया. हमले में गंभीर घायल कृष्णा को उपचार के लिए जिला एसआरजी अस्पताल लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे चिंताजनक हालत में कोटा और वहां से जयपुर रेफर कर दिया गया था. पुलिस ने मुख्य आरोपी सागर कुरैशी, रईस, इमरान, सोहेल, शाहिद और अख्तर अली को गिरफ्तार कर लिया था और सभी जेल में हैं. हालांकि हमले के कई आरोपी फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं.

युवक की मौत से जिले भर में आक्रोश

वाल्मिकी समाज के युवक कृष्णा की मौत का समाचार सुनकर पूरे जिले में माहौल गरमा गया. समस्त समाज ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. पुलिस ने मामला दर्ज कर छह युवकों को गिरफ्तार किया है. मृतक का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार तो हो गया, लेकिन दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग लोग कर रहे हैं. सभी आरोपियों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होने तक लोगों ने शांत नहीं बैठने की चेतावनी दी है.

युवक की शव यात्रा में काफी संख्या लोग एकत्रित हुए. शवयात्रा जिस रास्ते से जा रही थी, वहां खड़े लोग अपने आप ही उसके साथ होने लगे. इतनी भीड़ देखकर पुलिस प्रशासन के भी हाथ- पांव फूलने लगे. जिले में किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं होने पाए, इसके लिए झालावाड़ व झालरापाटन में जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया. पुलिस बल की मौजूदगी में ही मृतक का अंतिम संस्कार किया गया. पुलिस- प्रशासन ने ड्रोन कैमरे से पूरी शव यात्रा पर नजर रखी. पुलिस द्वारा पूरे जिले की सीमाओं को सील कर दिया गया था. बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित होने के कारण जगह- जगह शव यात्रा को रोकना पड़ा. पुलिस द्वारा मात्र 20 लोगों को ही शवयात्रा में जाने की अनुमति दी गई थी, लेकिन गलियों से निकल कर लोग शामिल होते गए और भीड़ बढ़ती गई.

घटना के विरोध में बाजार रहे बंद

घटना के विरोध में व्यापारियों ने स्वेच्छा से झालरापाटन और खानपुर के बाजार बंद कर रखे और शवयात्रा में शामिल हुए. कृष्णा का शव जैसे ही उसके घर पहुंचा लोग वहां पहुंचना शुरू हो गए. मृतक के घर के पास भीड़ जमा होती देख पुलिस ने जब लोगों को रोकना चाहा तो लोग आक्रोशित हो गए और वहां माहौल गर्माने लगा. जिले भर में लोगों ने आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर ज्ञापन भी दिए.

भारी पुलिस बल और प्रशासन रहा तैनात

झालरापाटन में किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए एसडीएम के अलावा झालावाड़, अकलेरा एवं भवानीमंडी के डीएसपी भी मौजूद रहे. इनके अलावा सात थानों के एसएचओ एवं भारी पुलिस बल जिले भर में तैनात रहा. प्रशासन ने हर गतिविधि पर ध्यान रखा जिससे किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना ना होने पाए.

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