करंट टॉपिक्स

महाकुम्भ में पहली बार पहुंचे बौद्ध भिक्षु, भंते व लामा

Getting your Trinity Audio player ready...
Spread the love

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व जूना अखाड़ा पीठाधीश्वर ने किया बौद्ध भिक्षुओं का स्वागत

महाकुम्भ नगर, 04 फरवरी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रयागराज दौरे पर बौद्ध महाकुम्भ यात्रा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी उपासना विधियों का एक मंच पर आना अभिनंदनीय है। हिन्दू और बौद्ध एक ही वटवृक्ष की शाखाएं हैं। यदि ये एक ही मंच पर आ जाएं तो यह दुनिया में सबसे शक्तिशाली वटवृक्ष बनेगा जो उन्हें छांव भी देगा और उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री ने बौद्ध संतों और विद्वानों पर पुष्प वर्षा भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा, भगवान बुद्ध ने दुनिया को करुणा और मैत्री का संदेश दिया। आज यदि भारत रहेगा तो भगवान बुद्ध का संदेश भी रहेगा। कुछ लोग आज भारत को बांटने का षड्यंत्र कर रहे हैं, लेकिन इस तरह के आयोजनों से भारत विरोधी तत्वों की नींद हराम हो चुकी है।

महाकुम्भ में पहली बार दुनिया के कई देशों के भंते, लामा व बौद्ध भिक्षुओं का आगमन हुआ है। सभी बौद्ध भिक्षु व लामा संगम स्नान करेंगे एवं साधु संतों से भेंटवार्ता करेंगे। बौद्ध संस्कृति संगम की ओर से आयोजित यह कार्यक्रम बौद्ध एवं सनातन के बीच राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आपसी समन्वय, समता, समरसता, सद्भाव एवं करुणा मैत्री विकसित करने में मील का पत्थर साबित होगा। महाकुम्भ पहुंचे  भंते, लामा व बौद्ध भिक्षुओं का मुख्यमंत्री, जूना अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी ने अंगवस्त्र एवं माला पहनाकर स्वागत किया। भारत के  अलावा नेपाल, भूटान, श्रीलंका, म्यांमार, तिब्बत, लाओस, थाईलैंड, वियतनाम आदि देशों से बौद्ध भंते शील रतन, धम्मपाल बौद्ध संत, भंते शीलवचन सैकड़ों की संख्या में भंते आए हैं।

बुद्ध के मार्ग से दुनिया को युद्धमुक्त किया जा सकता है – इन्द्रेश कुमार

महाकुम्भ के सेक्टर 17 में आयोजित बौद्ध भिक्षुओं के स्वागत सम्मान समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार ने कहा कि भारत दुनिया को करूणा व मैत्री का संदेश देगा। द्ध के मार्ग से दुनिया को युद्धमुक्त किया जा सकता है। बुद्धं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि। बौद्ध व सनातनी एक थे, एक हैं, एक रहेंगे। हम सनातन के अंश थे, सनातन के अंश हैं और सनातन के अंश रहेंगे। उन्होंने कहा कि हिंसा मुक्त, दंगा मुक्त, धर्मान्तरण मुक्त भारत बने, हम सब सुखी रहें, मानवता से परिपूर्ण राष्ट्र बने। हम एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे और दुनिया को अच्छाई का मार्ग दिखा सकेंगे।

बुद्ध व सनातनी मिलकर विश्व की बड़ी ताकत बनेंगे – स्वामी अवधेशानन्द गिरी जी

जूना अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी ने कहा कि कुम्भ में बौद्ध भिक्षुओं का आगमन भारत के लिए ऐतिहासिक व सौभाग्यशाली क्षण है। बुद्ध व सनातनी अगर एक हो जाएं तो हम विश्व की बड़ी ताकत बन जाएंगे। सत्य प्रेम व करूणा का दर्शन पूरे विश्व को समाधान देगा। भारत से एकात्मता का स्वर जाना चाहिए। परस्पर संवाद जरूरी है। भगवान बुद्ध के पवित्र स्थल श्रावस्ती, कुशीनगर व सारनाथ उत्तर प्रदेश में ही हैं। हम चाहते हैं कि इसकी शुरूआत उत्तर प्रदेश से ही होनी चाहिए

स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी ने कहा कि भारत किसी युद्ध में शामिल नहीं है क्योंकि हमारे पास बुद्ध हैं। भारत सबका आदर करता है। प्रत्येक सनातनी प्रतिदिन अपने संकल्प में बुद्ध को याद करता है। 24 अवतारों में बुद्ध को ईश्वरीय सत्ता और भगवान माना है। भारत बुद्ध को कभी भूला नहीं है। दुनिया में सर्वाधिक सम्मान बुद्ध का भारत में है क्योंकि वह इसी भारतभूमि के थे।

धर्म संस्कृति संगम के अरूण सिंह बौद्ध ने बताया कि महाकुम्भ में 05 फरवरी को बौद्ध भिक्षुओं द्वारा संघं शरण गच्छामि, बुद्धं शरणम गच्छामि को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से शोभा यात्रा निकाली जाएगी। 06 फरवरी को बौद्ध भिक्षु संगम स्नान करेंगे। हिंसा नहीं अहिंसा, छुआछूत नहीं समानता समता, प्रदूषण नहीं पर्यावरण, यह रोशनी सबको दिखाई दे, इसी विचार को लेकर बौद्ध भिक्षुओं का पदार्पण महाकुम्भ क्षेत्र में हुआ है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *