नई दिल्ली. पंचकूला जिले की रहने वाली कैप्टन अभिलाषा बराक ने इतिहास रचा है. कै. अभिलाषा भारतीय सेना की पहली ‘कॉम्बेट एविएटर’ (लड़ाकू विमान चालक) बनी हैं. अभिलाषा इस प्रतिष्ठित विंग में शामिल होने वाली देश की पहली महिला अधिकारी हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, 15 महिला अधिकारियों ने आर्मी एविएशन में शामिल होने की इच्छा जताई थी, लेकिन, ‘पायलट एप्टीट्यूड बैटरी टेस्ट’ और मेडिकल के बाद केवल 2 अधिकारियों का ही चयन हुआ. नासिक स्थित ‘कॉम्बेट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल‘ में आयोजित समारोह में उन्हें सेना के 36 अन्य पायलटों के साथ ‘विंग्स’ प्रदान किया गया.
साल 2016 में दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU) से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बीटेक की और उसके बाद अमेरिका के डेलॉइट में अभिलाषा का प्लेसमेंट हो गया था.
26 वर्षीय अभिलाषा भारतीय सेना में शामिल होने के लिए अमेरिका में अपनी नौकरी छोड़कर भारत लौटीं और 2018 में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी, चेन्नई के माध्यम से वह भारतीय सेना में शामिल हुईं.
अभिलाषा ने कहा कि वह भारतीय सेना में शामिल होना चाहती थीं. उनके परिवार में उनके पिताजी सेना के इसी विंग से साल 2011 में सेवानिवृत्त हुए थे. इसके तुरंत बाद 2013 में अभिलाषा के भाई ने भारतीय सेना ज्वॉइन की थी. सेना में शामिल होने का जज्बा ऐसा था कि अभिलाषा ने अमेरिका में अपनी लाखों की नौकरी छोड़ दी और भारतीय सेना में शामिल होने के लिए जी जान से लग गईं. आखिरकार अभिलाषा की मेहनत रंग लाई और वह देश की पहली महिला ‘कॉम्बेट एविएटर’ बनी हैं.
इससे पहले साल 2018 में फ्लाइंग ऑफिसर अवनि चतुर्वेदी भारतीय वायुसेना की लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं. पिछले साल जून में पहली बार 2 महिला अधिकारियों का चयन हेलिकॉप्टर पायलट ट्रेनिंग के लिए हुआ था. दोनों महिला अधिकारियों को नासिक के ‘कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग‘ स्कूल में ट्रेनिंग दी गई थी.
फिलहाल एविएशन डिपार्टमेंट में महिलाओं को ‘एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानि (ATC) और ग्राउंड ड्यूटी की जिम्मेदारी सौंपी जाती है. लेकिन अब देश की बेटियां पायलट की महतवपूर्ण जिम्मेदारी भी संभालेंगी.