करंट टॉपिक्स

एकात्म मानव दर्शन – दीनदयाल जी ने चतुर्पुरुषार्थ सिद्धांत को व्यवहारिक स्वरूप दिया

भाग दो "धर्म" चतुर्पुरुषार्थ में सबसे पहला है. इसके अंतर्गत शिक्षा-संस्कार, जीवन संकल्प समन्वय एवं विधि व्यवस्था आती है. दूसरा पुरुषार्थ "अर्थ" है, इसमें साधन...

एकात्म मानव दर्शन – दीनदयाल जी ने चतुर्पुरुषार्थ सिद्धांत को व्यवहारिक स्वरूप दिया

भाग एक विश्व की आधुनिक शासन प्रणालियों में बहुत से सिद्धांत सामने आए. इन सिद्धातों को सूत्र रूप प्रस्तुत करने के लिये कुछ शब्द भी...

भारत में साजिश के तहत ‘मूल निवासी दिवस’ को ‘आदिवासी दिवस’ बनाया गया

कमलनाथ जी की देश-विघातक मांग प्रशांत पोळ मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने, वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव जी को एक पत्र लिखा. पत्र के...

न्यायालय में पहले ही अपने घुटने छिलवा चुका था लोकतंत्र विरोधी प्रतिबंध

सरकार ने की सरकारी कर्मचारियों के मौलिक अधिकार की रक्षा लोकेन्द्र सिंह केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में कर्मचारियों के शामिल होने...

गौरवमयी गुरु-शिष्य परंपरा

गुरु-शिष्य परंपरा भारत की गौरवमयी परंपरा रही है. चाणक्य-चंद्रगुप्त, स्वामी रामकृष्ण परमहंस-स्वामी विवेकानंद, स्वामी विरजानंद-दयानंद सरस्वती गुरु-शिष्य परंपरा के ऐसे अनेक अनूठे उदाहरण हैं. संत...

भारत-विरोधी अमेरिकी रिपोर्ट – बेहूदा निष्कर्ष किसी मासूम गुणा-भाग या बौद्धिक दिवालियापन का नतीजा नहीं

बलबीर पुंज पिछले दिनों कुख्यात अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय मजहबी स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) की रिपोर्ट सार्वजनिक हुई. 26 जून को जारी की गई रिपोर्ट में भारत में...

नशा-मुक्त पंजाब – नशे के सौदागरों को जड़ से मिटाने के लिए आक्रामक नीति की आवश्यकता

बलबीर पुंज पंजाब में नशे का संकट किसी से छिपा नहीं है. हाल ही में राज्य पुलिस ने नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले एक...

दिवालिया होने की चौखट पर खड़ा पाकिस्तान पीओजेके का भला कैसे कर सकता है?

कश्मीर और गुलाम कश्मीर में अंतर क्यों? बलबीर पुंज अभी कश्मीर से दो खबरें सामने आई. लोकसभा चुनाव के दौरान श्रीनगर में ढाई दशक में...

पश्चिम के दोहरे मापदंड

जिस ‘टूलकिट’ का भारत में सीएए और कृषि-सुधार विरोधी प्रदर्शनों में उपयोग हुआ था, उसका अब अमेरिका शिकार है. विडंबना देखिए कि अराजकता को समाप्त...

लाल आतंक के नेटवर्क पर सर्जिकल स्ट्राइक; राडार पर अर्बल नक्सली

वामपंथी आतंक को विश्व में माओवादी और भारत में नक्सलवादी के रूप में जाना जाता है. भारत में नक्सली हिंसा की शुरुआत वर्ष 1967 में...