करंट टॉपिक्स

पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर – भूल और सुधार

प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव का कार्यकाल जम्मू और कश्मीर के लिए अनेक उतार-चढ़ावों वाला था. एक तरफ कश्मीर घाटी से हिन्दुओं का नरसंहार और निष्कासन...

“मां, मातृभूमि और मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं हो सकता है”

21 फरवरी - अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस अतुल कोठारी "मां, मातृभूमि और मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं हो सकता है", यह बात पूर्णरूप से सत्य है....

राष्ट्राभिमुख समाज निर्माण में रत आध्यात्मिक कर्मयोगी : श्री गुरुजी

नरेंद्र सहगल भारत के प्रत्येक जिले में प्रवास करते हुए श्री गुरुजी राष्ट्रीय महत्व की समस्याओं और मुद्दों पर लोगों एवं सरकार को सचेत करते...

19 फरवरी जन्मदिवस – आध्यात्मिक कर्मयोगी : श्री गुरुजी

नरेंद्र सहगल राष्ट्राभिमुख समाज रचना के पुरोधा आदरणीय माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर उपाख्य ‘श्री गुरु जी’ के राष्ट्र समर्पित जीवन के अनेक प्रेरक प्रसंग हमारा मार्ग...

विविधता के मूल में एकता की अनुभूति

डॉ. मनमोहन वैद्य भारतीय समाज की कुछ विशेषताएं हजारों वर्षों की सामाजिक यात्रा के कारण उसकी पहचान बन गई हैं. इस पहचान को बनाए रखने...

पी परमेश्वरन जी – प्रखर विचारवंत, भावपूर्ण कवि, स्थितप्रज्ञ कर्मयोगी

केरल में वामपंथी तूफान के कारण अन्धेरा छाया हुआ था. वहां का हिन्दू समाज, हिन्दू राष्ट्र, हिन्दू धर्म के विषय में बोलने का आत्मविश्वास खो...

सृष्टि का प्रथम राष्ट्र भारत

भारत के उत्थान का आधार है सांस्कृतिक राष्ट्र जीवन नरेंद्र सहगल भारतीय चिंतन में राष्ट्र एक महान जीवमान, स्वयंभू सांस्कृतिक इकाई है, जबकि पश्चिम में...

सामर्थ्यशाली राष्ट्रीय संस्कृति

भारत के उत्थान का आधार है सांस्कृतिक राष्ट्रजीवन नरेंद्र सहगल भारतीय राष्ट्र जीवन का आधार भारत की सनातन संस्कृति न केवल भारतीयों को एकजुट रखने...

भारत के उत्थान का आधार है सांस्कृतिक राष्ट्र जीवन

नरेंद्र सहगल राष्ट्र, सांस्कृतिक और मानवीय सभ्यता पर लंबे-लंबे भाषण देने वाले विद्वान लोग प्राय: अपने उद्बोधनों में उर्दू के प्रसिद्ध शायर इकबाल की इन...

गांधी जी के साथ ही चला गया ‘गांधी-दर्शन’

महात्मा गांधी केवल एक व्यक्ति अथवा नेता नहीं थे. भारतीय अंतर्मन के एक सशक्त हस्ताक्षर थे महात्मा जी. ‘रामराज्य’, ‘वैष्णव-जन’ एवं हिन्द स्वराज जैसे आदर्श...