करंट टॉपिक्स

संस्कार देने वाली भाषा है संस्कृत – डॉ. पवन तिवारी

जबलपुर (विसंकें). संस्कृत के प्रचार-प्रसार, संस्कृत लेखन प्रतियोगिताओं एवं छात्रों में संस्कृत के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की...

समुत्कर्ष का प्रतिभा सम्मान समारोह

जबलपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक श्रीरंग राजे ने कहा कि सफलता किसी की मोहताज नहीं होती. परिश्रम से आगे बढ़ने वालों को...

समस्त जनों के प्रेरणास्रोत भारत रत्न नानाजी देशमुख

जबलपुर (विसंकें). नानाजी देशमुख ने अपना जीवन वंचितों और शोषितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया. एकात्म मानववाद को अपने जीवन में उतारकर जीवन भर...

शिक्षा जीविका का ही नहीं, जीवन का आधार होनी चाहिए

विद्याभारती राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री यतीन्द्र शर्मा जी ने स्वर्ण जयंती समारोह की पूर्व संध्या पर आयोजित पूर्व छात्र महासम्मेलन में कहा कि भारत की...

लोक भाषाएं जिंदा रहेंगी तो साहित्य जिंदा रहेगा – प्रो. योगेश चंद्र दूबे

कटनी (विसंकें). कटनी पुस्तक मेले के अंतिम दिन मुख्य अतिथि प्रो. योगेश चंद्र दूबे जी ने कहा कि लोक भाषाएं जिंदा रहेंगी तो साहित्य जिंदा...

जब सकारात्मक ऊर्जा शब्दों में ढलती है, तब साहित्य का सृजन होता है – श्याम सुंदर दूबे

कटनी (विसंकें). साहित्यकार श्याम सुंदर दूबे जी ने कहा कि साहित्यकार आत्मा का इंजीनियर होता है. सकारात्मक ऊर्जा जब शब्दों में ढलती है, तब साहित्य...

अपने कार्य से समाज को परिचित करवाना ही प्रचार विभाग का कार्य – डॉ. अवनीश भटनागर

जबलपुर (विसंकें). विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अवनीश भटनागर जी ने कहा कि हमें किसी भी कार्य को करने के लिए उसमें उतरना पड़ता...

परमात्मा का सतत् चिंतन व अनासक्त भाव ही जीवन की सफलता का मार्ग – आनंदमूर्ति गुरु माँ

जबलपुर (विसंकें). परमात्मा के सतत् चिंतन एवं अनासक्त भाव से किये गए कर्मों द्वारा मन को नियंत्रित किया जाता है. निष्काम कर्म के आचरण से...

भारत का अध्यात्म एवं दर्शन ही भारत का परिचय है – डॉ. मनमोहन वैद्य जी

जबलपुर (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य जी ने कहा कि भारत की मूल धारा अध्यात्म है, इसलिए हिन्दू समाज में...

राष्ट्र सेविका समिति का प्रशिक्षण वर्ग

जबलपुर (विसंकें). शिक्षित और संस्कारी नारी परिवार की धुरी होती है. उसके द्वारा प्राप्त संस्कार दोनों कुलों की शोभा बढ़ाते हैं. मातृशक्ति विश्व की आधी...