नई दिल्ली. सीबीआई ने ऐप आधारित धोखाधड़ी वाली निवेश योजना से संबंधित एक मामले की जांच के दौरान 01 मई को देश 10 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 30 स्थानों पर एक साथ व्यापक तलाशी अभियान चलाया. तलाशी में मोबाइल फोन, कंप्यूटर हार्ड ड्राइव, सिम कार्ड, एटीएम/डेबिट कार्ड, ईमेल खाते एवं विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेजों सहित महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए.
सीबीआई ने दो निजी कंपनियों एवं उनके निदेशकों के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120-बी के साथ पठित धारा 419 तथा धारा 420 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 66 डी के तहत आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया. जिसमें आरोप है कि एचपीज़ेड टोकन ऐप (HPZ Token App) से संबन्धित धोखाधड़ी वाली निवेश योजना में आरोपी संलिप्त थे. इस योजना में जनमानस को गैर-मौजूद क्रिप्टो-मुद्रा खनन मशीन किराए में निवेश करने हेतु बहकाना शामिल था. एचपीजेड एक ऐप-आधारित टोकन है जो उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन एवं अन्य क्रिप्टो मुद्राओं के लिए खनन मशीनों में निवेश करके बड़े लाभ का वादा करता है. जालसाजों ने कथित तौर पर एक कार्यप्रणाली का प्रयोग किया जो पीड़ितों को बिटकॉइन खनन में उनके निवेश पर भारी मुनाफा के बहाने एचपीजेड टोकन ऐप में निवेश करने के लिए लुभाता था.
अब तक की जांच से पता चला है कि आरोपियों से संबंधित लगभग 150 बैंक खातों का प्रयोग, निवेशकों से धन एकत्र करने हेतु किया गया. प्रारम्भ में इन धनराशियों का उपयोग विश्वास बढ़ाने के लिए भुगतान हेतु किया जाता था, फिर अवैध रूप से भारत से बाहर स्थानांतरित किया जाता था. प्रायः क्रिप्टो करंसी में परिवर्तित किया जाता था या हवाला लेनदेन के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता था.
मामले में की गई तलाशी, धोखाधड़ी योजना को खत्म करने और आरोपियों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने के लिए चल रही जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है.