ग्वालियर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी जी ने कहा कि अब अखंड भारत संकल्प दिवस नहीं, प्रयास दिवस मनाएं. यह सफलता तभी मिलेगी, जब हम सांस्कृतिक, सामाजिक समरसता और एकजुटता का परिचय देंगे.
वह रविवार को राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में आयोजित अखंड भारत संकल्प दिवस कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना-नाहेप, कृषि विवि एवं अखंड भारत संकल्प समिति के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कृषि विवि के कुलपति प्रो. अरविन्द शुक्ला ने की. मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्यभारत प्रांत संघचालक अशोक पाण्डे थे.
सुरेश सोनी जी ने कहा कि इजरायल के लोग 1800 साल तक कई देशों में भटकते रहे, लेकिन वह अपने देश को नहीं भूले. वह जब भी आपस में मिलते तो यही कहते थे कि हमारी अगली मुलाकात यरुशलम में होगी. हमारे देश भारत का बंटवारा 1947 में हुआ. इतने समय में भी हमारे लोगों को यह नहीं पता कि पाकिस्तान में हमारे कौन-कौन से प्रांत गए हैं.
उन्होंने कहा कि युवा चिंतन-मनन कर अखंड भारत के लिए प्रयास करें. अपनी गुलामी की मानसिकता और इसके चिन्हों को मिटाने का प्रयास करें. वर्तमान में विश्व पटल पर भारत की भूमिका बढ़ती जा रही है.
कुलपति प्रो. शुक्ला ने पुराणों का उद्धरण देते हुए कहा कि भारत की सभ्यता एशिया महाद्वीप तक थी. भारत का गौरवशाली इतिहास रहा है. युवा शक्ति अपनी इच्छाशक्ति से खंड-खंड भारत का अखंड भारत बना सकता है.
इससे पूर्व अतिथियों का परिचय मुनीन्द्र कुशवाह ने करवाया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. वीरेन्द्र वर्मा ने किया. इस अवसर पर विभाजन विभीषिका स्मृति में प्रदर्शनी भी लगाई गई.