नई दिल्ली. केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. इसी क्रम में आतंकी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 14 मोबाइल मैसेजिंग एप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन ऐप्स का उपयोग जम्मू कश्मीर में आतंकवादी समूहों द्वारा किया जा रहा था. इसके माध्यम से आतंकी अपने समर्थकों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स के साथ संवाद स्थापित करते थे, घाटी में आतंकी हमलों की योजना बनाते थे. इतना ही नहीं पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से निर्देश प्राप्त करने के लिए भी इनका उपयोग किया जा रहा था.
सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों के कम्युनिकेशन के सभी चैनल की निगरानी कर रही थीं, इसी कड़ी में एक बातचीत को ट्रैक करते समय जानकारी मिली कि इन मोबाइल एप्लीकेशन के यूज़र कम हैं, और इन पर हो रही गतिविधियों को ट्रैक करना भी मुश्किल है. इनमें से ज्यादातर ऐप्स को गुमनामी यानि (एनॉनिमिटी) देने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया था.
जांच के दौरान एजेंसियों ने पाया कि इन एप्लीकेशन के भारत में यूजर्स नहीं थे और जो यूजर्स थे उनसे संपर्क नहीं किया जा सकता था. सुरक्षा एजेंसियों ने कई अवसर पर ऐप मैनेजमेंट से संपर्क करने का भी प्रयास किया, लेकिन भारत में इनका ऑफिस नहीं था. अंत में जाँच के बाद सरकार ने इन ऐप्स को IT एक्ट 2000 के सेक्शन 69A के तहत ब्लॉक करने का आदेश जारी किया.
पाकिस्तान द्वारा आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने और अपने समर्थकों को मदद पहुँचाने के लिए मोबाइल मैसेजिंग एप्लीकेशन का उपयोग किया जा रहा है, केंद्र सरकार ने इन्हें ब्लॉक किया है….
Apps – Crypviser, Enigma, Safeswiss, Wickrme, Mediafire, Briar, BChat, Nandbox, Conion, IMO, Element, Second Line, Zangi, and Threema.
232 चीनी ऐप्स किए थे बैन
इससे पहले केंद्र सरकार ने चीनी कनेक्शन सामने आने के बाद 232 मोबाइल ऐप बैन और ब्लॉक किए थे. इसमें 138 ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले और 94 लोन देने वाले ऐप्स शामिल थे. जांच में पता चला कि ये ऐप्स लोगों को लोन लेने और सट्टा खेलकर लाखों जीतने का लालच देते हैं. बाद में कर्ज न चुका पाने पर उन्हें भद्दे मैसेज भेजते, यहां तक कि उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर वायरल करने की धमकी भी देते हैं.