चंडीगढ़ के सेक्टर-10 स्थित 575 निवासी रिटायर्ड प्रिंसिपल की कोठी पर बुधवार शाम हुए हैंड ग्रेनेड बम ब्लास्ट की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने ली है.
उन्होंने एक पोस्टर जारी करते हुए कहा कि 1986 में पंजाब के नकोदर में मारे गए सिक्ख शहीदों (आतंकियों) को श्रद्धांजलि देने के लिए एसपी जसकीरत सिंह चहल व उसके गनमैन को मार दिया गया है. बीकेआई की तरफ से जारी यह पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. (ज्ञात रहे कि जसकीरत सिंह के मकान बदलने के कारण वो बच गए और आतंकियों ने समझा कि वो व उनका गनमैन मर चुका है).
दरअसल, इस कोठी पर जसकीरत चहल की समझकर यह हमला किया गया था. क्योंकि आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल की तरफ से यही समझकर कोठी पर हैंड ग्रेनेड फेंका गया था कि इस कोठी में पूर्व एसपी जसकीरत चहल परिवार के साथ रहते हैं. पंजाब में आतंकवाद के समय आईपीएस चहल ने काफी सराहनीय काम किया था, जिसके चलते वह आतंकियों के निशाने पर थे. क्योंकि कुछ साल पहले भी चहल के यहां रहने के समय अज्ञात बदमाशों द्वारा कोठी की रेकी करके हत्या करने की योजना बनाई गई थी. हालांकि उस समय जांच टीमों ने रेकी करने से लेकर हत्या करने की योजना बनाने वालों को पकड़ लिया था. उस समय भी चंडीगढ़ व पंजाब पुलिस की संयुक्त टीमों ने मिलकर मामले को सुलझाया था.
इसी कोठी में कुछ समय पहले तक पंजाब पुलिस के जालंधर से एसएसपी के पद से रिटायर जसकीरत सिंह अपने परिवार के साथ किराए पर पहले फ्लोर पर रहते थे. कोविड के दौरान उनके अधिवक्ता बेटे की मौत हो गई थी. इसके बाद उन्होंने किराए की कोठी को खाली कर दिया था और वह मौजूदा समय में सेक्टर-10 में ही रहते हैं.