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छत्तीसगढ़ – किलकिला गांव में 250 परिवारों के 600 लोगों ने सनातन धर्म में वापसी की

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रायपुर. जशपुर जिले के किलकिला शिवमंदिर में विश्व कल्याण महायज्ञ के समापन अवसर पर शनिवार को घर वापसी कार्यक्रम का आयोजन हुआ. प्रबल प्रताप सिंह जूदेव वर्ष 2013 से अपने पिता स्व. दिलीप सिंह जूदेव के अभियान को आगे बढ़ाने में लगे हैं. प्रबल प्रताप सिंह ने पूर्व में कभी अपना धर्म छोड़ चुके लोगों के पांव धोकर सनातन धर्म में वापसी करवाई. इस अवसर पर गोमती साय, राजघराने से विजय आदित्य सिंहदेव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे और कार्यक्रम के साक्षी बने.

कार्यक्रम में 250 परिवारों के 600 लोगों ने क्रिसमस के दिन सनातन धर्म में वापसी की. कार्यक्रम के दौरान महायज्ञ का आयोजन हुआ. महायज्ञ का शुभारंभ 23 दिसंबर से हुआ था. 500 युवक भगवा झंडा लेकर बाइक रैली में शामिल हुए और भव्य कलश यात्रा निकाली गई. फिर 24 दिसंबर की सुबह विश्व कल्याण महायज्ञ शुरू हुआ. बाद में घर वापसी की प्रक्रिया पूरी की गई. सनातन धर्म स्वीकारने वाले लोगों ने बताया कि उनके पूर्वजों ने किसी कारणवश ईसाई धर्म अपनाया था, पर अब उन्हें दोबारा घर वापिस आने का मौका मिला तो वे कार्यक्रम में पहुँचे.

इससे पहले छत्तीसगढ़ में पत्थलगाँव के खूँटापानी में 400 परिवारों के 1200 लोगों ने सनातन धर्म में वापसी की थी. इन लोगों को लगभग तीन पीढ़ी पहले ईसाई बनाया गया था.

प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में 6 सौ से भी अधिक व्यक्तियों को सनातन धर्म में वापसी की. कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार जब से सत्ता में आई है, तब से धर्मांतरण का खेल बढ़ गया है. जशपुर राजघराने की करीबी एवं क्षेत्र सांसद गोमती साय ने भी धर्मांतरण को लेकर कांगेस पर जमकर हल्ला बोला.

जशपुर राजघराने के प्रबल प्रताप सिंह जूदेव और रायगढ़ महाराज देवेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में विक्रमादित्य सिंहदेव के बेटे विजय आदित्य सिंहदेव ने किलकिला में धर्मान्तरित परिवारों के पैर धोकर उनकी घर वापसी कराई. शनिवार को पत्थलगांव विधानसभा के ग्राम पंचायत किलकिला में आयोजित विश्व कल्याण महायज्ञ में आसपास के ग्रामीण व अन्य जशपुर एवं रायगढ़ जिले से आए लोग शामिल हुए.

स्व. दिलीप सिंह जूदेव ने देश में घर वापसी अभियान प्रारंभ किया था, जिसके माध्यम से उन्होंने धर्मान्तरित लोगों को पुनः हिन्दू धर्म में शामिल करने का बीड़ा उठाया था.

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