नई दिल्ली. चालबाज, कुटिल, चालाक विस्तारवादी चीन भारत को घेरने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है. भारत के पड़ोसी देशों को सहायता, कर्ज के नाम पर अपने पक्ष में करने के लिए चालें चलता रहता है. इसी क्रम में अब चीन बांग्लादेश को सहारा बनाकर भारत के सामरिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण समझे जाने वाले पूर्वी तट के समीप अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास कर रहा है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन के लगभग 250 पनडुब्बी विशेषज्ञ बांग्लादेश जाने की तैयारी कर रहे हैं. यह विशेषज्ञ बांग्लादेश के दक्षिणी छोर पर स्थित ‘कॉक्स बाजार’ जिले में पनडुब्बी अड्डे के निर्माण की देख-रेख करेंगे.
दरअसल, बांग्लादेश द्वारा कॉक्स बाजार जिले में अपने पहले पनडुब्बी अड्डे का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए सरकारी चीनी समूह ‘पोली टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग’ (पीटीई) से अनुबंध किया गया है. लगभग 10,300 करोड़ टका (रुपये) के इस अनुबंध के अंतर्गत चीनी सरकारी समूह द्वारा निर्माण प्रायोजित है, जिसे वर्ष 2027-28 तक पूरा किया जाना है.
ताजा जानकारी के अनुसार, निर्माण कार्य के लिए 235 चीनी नौ-सैनिक विशेषज्ञ 5 जनवरी को बांग्लादेश पहुंचेंगे, जो वहां इस वर्ष के आखिर तक रहेंगे. ‘बीएनएस शेख हसीना’ के निर्माण के दौरान चीनी नौ-सैनिक विशेषज्ञों की भारत के पूर्वी तटीय समुद्री सीमा में उपस्थिति को नई दिल्ली के लिए समस्याएं बढ़ाने वाला कहा जा रहा है.
एक वर्ष तक चीनी नौ-सैनिक विशेषज्ञों की क्षेत्र में उपस्थिति को रक्षा विशेषज्ञों द्वारा चीन की भारतीय समुद्री सीमा में घुसपैठ से जोड़कर देखा जा रहा है. रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो चीन द्वारा भारत के चारों ओर पड़ोसी राष्ट्रों के साथ कर्ज रूपी निवेश को बढ़ावा देकर, भारत को घेरने का प्रयास किया जा रहा है. इस क्रम में चीन द्वारा पहले ही पाकिस्तान, श्रीलंका एवं मालदीव में कर्ज रूपी निवेश किया जा चुका है.
चीन ने कर्ज रूपी निवेश के माध्यम से श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह एवं पाकिस्तान के सामरिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण समझे जाने वाले ग्वादर बंदरगाह पर कब्जा जमा लिया है, अब इसी क्रम में चीनी सरकार बांग्लादेश में पनडुब्बी अड्डे के निर्माण की आड़ में भारतीय समुद्री सीमा पर नजर जमाए रखने का प्रयास कर रही है.
बांग्लादेश के निर्माणाधीन पनडुब्बी अड्डे के दूसरे समुद्री छोर पर भारतीय शहर विशाखापट्टनम में भारत की परमाणु पनडुब्बियां तैनात हैं, जिसके कारण भारत के पूर्वी समुद्री तट को बेहद संवेदनशील माना जाता है. यही कारण है कि चीन की इस कुटिल चाल के उपरांत भारत की चिंताएं बढ़ी हुई नजर आ रही हैं.
गौरतलब है कि चीन ने बांग्लादेश को 035 बी क्लास की दो पनडुब्बियां भी बेची गई थीं. अभी हाल ही में बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा था कि चीन के बढ़ते निवेश से नई दिल्ली को चिंतित नहीं होना चाहिए, भारत और बांग्लादेश के संबंध पुराने और विश्वसनीय हैं.
हालांकि, पूरे प्रकरण पर रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की सरकार को इसे गंभीरता से लेते हुए चौकन्ना रहने की आवश्यकता है.