नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के नियमों की अधिसूचना आज जारी कर दी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शाम को सीएए के नियमों को लेकर अधिसूचना जारी की. लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नियमों की अधिसूचना जारी होना केंद्र सरकार का बड़ा निर्णय है. इस संबंध में गृहमंत्री ने पूर्व में ही घोषणा कर दी थी. अधिसूचना जारी होने के पश्चात नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो गया है. गृह मंत्रालय ने इसके लिए वेब पोर्टल भी लॉंच कर दिया है.
नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत मुस्लिम देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान की जाएगी. इसके तहत हिन्दू, सिक्ख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी शामिल हैं. इन्हें केवल भारतीय नागरिकता तब ही मिल सकती है, जब इन्होंने 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में शरण ली हो.
सीएए नियमों के तहत ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन मांगे जाएंगे. नागरिकता संशोधन विधेयक 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था. एक दिन बाद ही विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति मिल गई थी. इससे तीनों देशों के संबंधित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता लेने में आसानी होगी.
सीएए, किसी व्यक्ति को स्वयं नागरिकता नहीं देता है. इसके माध्यम से पात्र व्यक्ति, आवेदन करने के योग्य बनता है. यह कानून उन लोगों पर लागू होगा, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए थे. इसमें प्रवासियों को वह अवधि साबित करनी होगी कि वे इतने समय में भारत में रह चुके हैं. उन्हें नागरिक कानून 1955 की तीसरी सूची की अनिवार्यताओं को भी पूरा करना होगा.
सीएए के नियमों को लेकर अधिसूचना जारी होने के पश्चात पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए लोगों में प्रसन्नता का माहौल है. मतुआ समुदाय में भी उत्सव का माहौल है. मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान से आने वाला मतुआ समुदाय हिन्दुओं का एक कमजोर वर्ग है. ये लोग भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान और बांग्लादेश के निर्माण के बाद भारत आ गए थे. पश्चिम बंगाल में 30 लाख की लगभग आबादी वाला यह समुदाय नादिया और बांग्लादेश की सीमा से लगे उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में रहता है.
https://indiancitizenshiponline.nic.in/UserGuide/E_gazette_11032024.pdf