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जी-20 सम्मेलन के सफल आयोजन और नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित होने पर सरकार का अभिनंदन

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भाग्यनगर. वनवासी कल्याण आश्रम ने जी-20 सम्मेलन के सफल आयोजन, नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित होने पर भारत सरकार तथा चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर वैज्ञानिकों व सरकार का अभिनंदन करते हुए शुभकामनाएं दीं.

कल्याण आश्रम की ओर से जारी व्क्तव्य में कहा गया – हमें अत्यंत हर्ष एवं अभिमान है कि दिल्ली में आयोजित G-20 सम्मेलन की अध्यक्षता इस बार भारत ने की. सम्मेलन की कई विशेषाएँ रहीं, जैसे भारत की गौरवशाली संस्कृति के अनुरूप विश्व से आए अतिथियों का हमने स्वागत किया. विभिन्न विचारधाराओं के साथ मिलकर सम्मेलन में सर्वानुमति से निर्णय करने का सभी को अनुभव कराया. भारत विश्व का सफलतापूर्वक नेतृत्व कर सकता है, इस बात को भी सिद्ध किया. वनवासी कल्याण आश्रम इसके लिए भारत सरकार का अभिनंदन करता है.

चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण

कुछ समय पूर्व भारत के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण कर चंद्र के दक्षिणी छोर पर अवतरण किया, जिसे ‘शिवशक्ति’ नाम से जाना जाएगा. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपना स्थान बनाने वाला भारत विश्व का एक मात्र देश बना. यह भी भारत के लिए आनंद एवं हर्ष का विषय है. वनवासी कल्याण आश्रम इससे सम्बंधित सभी वैज्ञानिकों और भारत सरकार का अभिनंदन करता है. इन वैज्ञानिकों में झारखण्ड के कल्याण आश्रम के विद्यालय का एक पूर्व विद्यार्थी रोहन यादव, का होना भी कल्याण आश्रम के लिए एक गौरवपूर्ण विषय है.

गणेश चतुर्थी के दिन भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिवस रहा. दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ और सरकार द्वारा बुलाए गए विशेष सत्र में ‘नारी शक्ति वंदन’ विधेयक पारित हुआ. अपवाद को छोड़ें तो सभी दलों ने इसका समर्थन किया. देश की संसद में और राज्यों विधानसभाओं में अब महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त होगा. वनवासी कल्याण आश्रम इस बात के लिए भी सरकार का अभिनंदन करता है.

जनजातीय विष्वविद्यालय की घोषणा

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तेलंगाना के मुलुगु में सम्मक्का-सारक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना को स्वीकृति दी है. तेलंगाना में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय का नाम जनजाति देवी सम्मक्का और सारक्का के सम्मान में रखा जा रहा है.

900 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है. नया विश्वविद्यालय न केवल राज्य में उच्च शिक्षा की पहुंच बढ़ाएगा और गुणवत्ता में सुधार करेगा, बल्कि जनजाति कला, संस्कृति और पारंपरिक ज्ञान प्रणाली में निर्देशात्मक और अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करके तेलंगाना में जनजातीय आबादी के लाभ के लिए उच्च शिक्षा और उन्नत ज्ञान के रास्ते को भी बढ़ावा देगा. हम इसका स्वागत करते हैं.

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