जुलाई 31 को नूंह में ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा में समाज के एक वर्ग को भड़काने के आरोप में पुलिस की विशेष टीम ने कांग्रेस विधायक मामन खान को गिरफ्तार किया है. विधायक को जयपुर से हरियाणा पुलिस की विशेष टीम ने गिरफ्तार किया.
हिंसा के मामलों की जांच कर रही एसआईटी ने हिंसा के लिए लोगों को भड़काने के आरोप में फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र से विधायक मामन खान को पहले 25 अगस्त को नोटिस देकर 31 अगस्त को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था. नोटिस के जवाब में विधायक ने मेडिकल भेज दिया कि वह बुखार से पीड़ित हैं. उसके बाद पुलिस की ओर से पांच सितंबर को दूसरा नोटिस दिया गया और दस सितंबर को जांच में शामिल होने के लिए नूंह पुलिस लाइन बुलाया गया, लेकिन वह नहीं आए.
मामन ने पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर तर्क दिया कि मामले की जांच उच्च अधिकारियों की निगरानी वाली एसआईटी से कराई जाए. सरकार अपनी विफलता के लिए उन्हें मोहरा बना रही है.
उच्च न्यायालय ने सरकार और संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए मामन को निचली अदालत में याचिका दायर करने सलाह देते हुए अगली तारीख दी. विधायक की ओर से कहा गया था कि वह घटना वाले दिन क्षेत्र में नहीं थे, जबकि पुलिस के पास उनके विरुद्ध पूरे सबूत हैं.
हिंसा के मामले में विधायक के कई समर्थक पकड़े गए, जिन्होंने स्वीकार किया कि विधायक के संदेश – मोनू मानेसर मेवात में आए तो प्याज की तरह फोड़ देंगे, इसके अलावा हिंसा के एक दिन पहले हम मेवात की जनता के साथ हैं विधान सभा में लडाई लड़ी यहां भी लड़ेंगे, — पर हिंसा में शामिल हुए.
पुलिस ने उनकी लोकेशन भी ट्रैक की है. शुक्रवार दोपहर को एसआईटी ने मामन को कोर्ट में पेश किया. जहां से विधायक को दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है.
MLA मामन खान की गिरफ्तारी पर नूंह के SP नरेंद्र बिजारणियां ने कहा – ”नूंह के बडकली चौक पर हुई हिंसक घटना में मामन खान की भूमिका मिली है. साथ ही MLA दंगा फैलाने वालों के संपर्क में भी थे. 31 जुलाई को MLA की लोकेशन भी हिंसा वाली जगह के आसपास मिली है”.
उधर, विधायक मामन खान की गिरफ्तारी के बाद नूंह जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है. शनिवार रात 12 बजे तक इंटरनेट बंद कर दिया गया है. इसके साथ विधायक के गांव भादस और आसपास के क्षेत्र को पुलिस ने पूरी तरह सील कर दिया है. भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
31 जुलाई को हुई थी हिंसा
31 जुलाई को नूंह जिले में बृजमंडल यात्रा निकालते समय हिंसा हो गई थी. इस दौरान हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें दो होमगार्ड भी थे. इसके अलावा 80 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. यह हिंसा नूंह जिले के बाद आसपास के जिलों पलवल, रेवाड़ी, गुरुग्राम, सोनीपत, फरीदाबाद में भी फैल गई थी.