चंद्रपुर, 13 अक्तूबर.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर जी ने कहा कि भारत में विविधता हो सकती है. लेकिन सभी में एक समान सिद्धांत है, यही मजबूत भावना हमें एक राष्ट्र बनाती है. सबको साथ लेकर चलना और सबका सम्मान करते अग्रेसर होना, यही हिन्दू संस्कृति है. संघ का भी यही विचार है. जो लोग भारत का विरोध करते हैं, वे हिन्दुत्व का भी विरोध करते हैं और संघ का भी. भारत की एकता पर लगातार हमले पूरे समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय है.
सुनील आंबेकर जी चंद्रपुर नगर में सिविल लाइन्स स्थित लोकमान्य तिलक विद्यालय के मैदान में आयोजित विजयादशमी उत्सव में स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान धनगर जमात सेवा मंडल एवं पुण्यश्लोक अहल्यादेवी विकास सहकारी समिति के कार्यकारिणी सदस्य गणपत जी येवले, जिला संघचालक तुषार जी देवपुजारी, तालुका संघचालक लक्ष्मण जी ओलालवार, नगर संघचालक तथा वरिष्ठ विधिज्ञ रवींद्र जी भागवत मंच पर उपस्थित थे. प्रारंभ में अतिथियों ने शस्त्र पूजन किया.
सुनील आंबेकर जी ने कहा कि सात्विक राष्ट्र का सशक्त होना भी आवश्यक है. शक्ति और शील दोनों आवश्यक हैं, अन्यथा कोई संतुलन नहीं बनता. वेदों में भी कहा गया है कि केवल वही समाज समृद्ध होता है, जो एक राष्ट्र के रूप में सामूहिक शक्ति और चरित्र की साधना करता है. आज देश विरोधी राक्षस मायावी रूप में सामने आ रहा है. भाषा, जाति, क्षेत्र, पूजा पद्धति के नाम पर मतभेद पैदा करने की कोशिश की जा रही है. हालाँकि, उन्होंने यह विश्वास भी व्यक्त किया कि यदि हम एक राष्ट्र के रूप में अपनी आंतरिक एकता बनाए रखते हैं, तो यह मायावी शक्ति हमारे देश को नुकसान नहीं पहुँचा सकती है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने लंबे समय से इस देश को एकजुट रखने की साधना की है. संघ अपनी शताब्दी मनाने जा रहा है. संघ का काम भविष्य में भी बेहतर होता रहेगा, ऐसी कामना गणपत येवले ने की. प्रास्ताविक और परिचय रवीन्द्र भागवत ने करवाया. उन्होंने कहा, संघ के कार्य को सभी समुदायों और बस्तियों तक पहुंचाने के लिए यह चरण महत्वपूर्ण है. संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है.
इस दौरान केंद्रीय मागासवर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर और राज्य के वन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री तथा चंद्रपुर के पालक मंत्री सुधीर मुनगंटीवार सहित बड़ी संख्या में शहर के गणमान्य व्यक्ति और स्वयंसेवक उपस्थित थे.