“पंचयज्ञ से परम वैभव” चित्तौड़ प्रान्त के पारिवारिक ई-महाशिविर में “कोरोनाकाल में परिवार प्रबोधन और प्रबंधन” विषय पर निम्बाराम जी, राजस्थान क्षेत्र प्रचारक का उद्बोधन
वर्तमान की चुनौतियों में हम पुनः शांति, सद्भाव, समरसता का संदेश देते हुए विश्व का मार्गदर्शन करेंगे. संघ के स्वयंसेवक और सामाजिक-धार्मिक कार्यकर्ता शासन प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सेवा क्षेत्र में दिन-रात अपनी सेवाएं देते हुए, ऑक्सीजन से लेकर, आवास, भोजन मास्क, सेनेटाइजर आदि उपलब्ध करा रहे हैं. सभी परिवारों में इस भय और नकारात्मक कालखंड में सकारात्मक वातावरण एवं समाज आत्मविश्वास पैदा करने के लिए तीन दिवसीय पंचयज्ञ से परम वैभव ई-महाशिविर आयोजित किया गया है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चित्तौड़ के प्रांत कार्यवाह डॉ. शंकर लाल माली ने बताया कि 3 दिवसीय परिवार ई-महाशिविर का शुभारंभ 20 मई प्रातः से हुआ. शिविर की दिनचर्या में प्रतिदिन कुटुंब शाखा में आसन, प्राणायाम, खेल जैसे शारीरिक और गीत, सुभाषित, अमृत वचन, प्रार्थना, कथा, कहानी जैसे बौद्धिक कार्यक्रमों का समावेश किया गया तथा सामाजिक सरोकार हेतु समसामयिक घटनाओं पर पारिवारिक चर्चा तथा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उद्बोधन की योजना की गई.
शिविर के द्वितीय दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम जी ने “कोरोना काल में परिवार प्रबोधन एवं प्रबंधन” विषय पर अपना मार्गदर्शन देते हुए कहा कि संकट के समय में हौसला रखना सबसे महत्वपूर्ण है. कोरोना को हम सभी समन्वित प्रयासों से हराएंगे, धरती पर ऐसी कोई समस्या नहीं, जिसका समाधान ना हो.
हम मानव जनित चीनी वायरस कोरोना के साथ निर्णायक दौर में जंग लड़ रहे हैं. आत्मविश्वास और संकल्प के साथ हम इसे जरूर जीतेंगे. कोरोना का सर्वाधिक असर परिवारों के मन पर पड़ा है. तन के साथ मन को स्वस्थ रखने के लिए उन्होंने स्वर्गीय राजकुमार जैन द्वारा निर्मित जागरण योग के नौ सोपान-संकल्प जागरण, प्राणायाम, भ्रामरी, शीतलीकरण, खुशी, शुभकामना, ध्यान, व धन्यवाद पर विस्तार से प्रकाश डाला और सभी को अभ्यास कराया. साथ ही परिवार के तन-मन की इम्युनिटी बढ़ाने का सभी से आग्रह किया.
उन्होंने कहा कि पूर्व में भी ऐसी बाधाएं आई हैं, उनमें हम विजयी हुए हैं. इस कालखंड में भय-मुक्त एवं सकारात्मक वातावरण का निर्माण हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है. संकल्प के साथ हम समन्वित प्रयासों से इसे पराजित करेंगे. रोकथाम इलाज से भी बेहतर है. उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि रिस्क नहीं, केयर लेना है. वैक्सीन हमारे परिवार का सुरक्षा कवच है. सभी अपेक्षित परिवार-जन वैक्सीन अवश्य लगवाएं और सुरक्षित रहें.
अंत में उन्होंने परिवार में सत्संग, नियमित चर्चा और धैर्य संयम अनुशासन नियमों का पालन का आग्रह किया. आने वाले समय में देश और दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ेगी, हम शांति सद्भाव समरसता का संदेश देते हुए विश्व का पुनः मार्गदर्शन करेंगे.