नई दिल्ली. विनिर्माण, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा परिवहन सहित विभिन्न क्षेत्रों में ढांचागत सुधार तथा नई संरचनाओं के निर्माण आदि संबंधी केन्द्रीय बजट की विभिन्न घोषणाएं कोरोना पश्चात की परिस्थिति में भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप हैं. साथ ही बजट में जिस प्रकार से महिला, ग्रामीण, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व जनजाति आदि के विकास हेतु बजट में प्रावधान प्रशंसनीय हैं.
केन्द्रीय बजट में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु घोषणाएं, राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान हेतु 5 वर्ष में 50,000 करोड़ का बजट आवंटन, नए स्कूलों को खोलने की घोषणाएं, उच्च शिक्षा आयोग की स्थापना की घोषणा, जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा सुलभ कराने के लिए 750 नए स्कूल खोलने, लद्दाख में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना आदि शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार एवं परिवर्तन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. साथ ही अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिये आगामी 5 वर्ष में 35,000 करोड़ की पोस्ट मट्रिक स्कॉलरशिप की घोषणा महत्वपूर्ण हैं.
केन्द्रीय बजट का स्वागत करते हुए अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा, “वर्तमान समय की परिस्थितियों में जिस प्रकार से आम लोगों को बजट से आशाएं थीं, वह बजट में पूर्ण होती दिख रही हैं. कोरोना संक्रमण के पश्चात स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधारों की आवश्यकता को गंभीरता से अनुभव किया जा रहा था, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए घोषणाएं नए रोजगारों का सृजन करेंगी, जिससे युवाओं के आगे नए अवसर सृजित होंगे. केन्द्रीय बजट में जिस प्रकार से सभी वर्गों व क्षेत्रों का ध्यान रखा गया है, वह स्वागत योग्य है.”