नई दिल्ली. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जनजातीय अस्मिता के नायक भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिवस 15 नवंबर को जनजाति गौरव दिवस मनाने के केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया.
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति समाज का बहुमूल्य योगदान रहा है. सैकड़ों जनजाति क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को आजादी दिलवाई है. साथ ही देश, संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिये जनजातीय समाज सदैव अग्रिम पंक्ति में रहा है. ऐसे में जनजातीय समाज की भावनाओं का आदर करते हुए भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती को ‘जनजाति गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का केंद्र सरकार का निर्णय बहुत ही सार्थक तथा सम्पूर्ण जनजातीय समाज के साथ-साथ पूरे देश को गौरवान्वित करने वाला है.
अभाविप की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने कहा कि, “हम भारत सरकार के निर्णय का अभिनन्दन करते हैं तथा भारत की प्रकृति एवं संस्कृति के रक्षक जनजाति समाज के लिए यह निर्णय सार्थक सिद्ध होगा तथा भारत के गौरवशाली इतिहास को पुनर्स्थापित करेगा.”