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दिल्ली पुलिस ने एप्स के माध्यम से फर्जीवाड़े का खुलासा किया, मामले में 11 गिरफ्तार

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नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने एप के माध्यम से फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इसमें कुछ चीनी नागरिक और कुछ भारतीय नागरिक मिल कर तीन एप्स के माध्यम से फर्जी ऑनलाइन मल्टी-लेवल मार्केटिंग अभियान चला रहे थे. एप्स के नाम हैं – “पावर बैंक”, “सन फैक्टरी” और “ईजेड प्लान”. पुलिस ने मामले में कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग इन एप्स के माध्यम से निवेश पर काफी आकर्षक लाभ का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे थे. इन्हें पकड़ने के लिए दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और पश्चिम बंगाल में कई बार रेड की गई. गिरफ्तार लोगों में दिल्ली और गुरुग्राम के दो चार्टर्ड अकाउंटेंट भी शामिल हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह गिरोह इन दोनों राज्यों के अलावा कर्नाटक, ओडिशा, असम और गुजरात में भी सक्रिय था. भारत और चीन में बैठे गिरोह के सदस्यों ने लूटे हुए धन को इधर से उधर करने के लिए फर्जी कंपनियां भी बनाई थीं. दिल्ली पुलिस ने बताया कि अविक केडिया नाम के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट ने कम से कम 110 फर्जी कंपनियां बनाई थीं, जिनकी सहायता से पैसा इधर से उधर किया जा सके. अकेले अविक से ही 97 लाख रुपए बरामद हुए हैं.

रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने दावा किया कि घोटाले के पीछे चीन के कुछ लोग हैं, जिन्होंने मैसेंजर सेवाओं के माध्यम से भारत में लोगों से संपर्क किया और फिर उन्हें अपने गिरोह का हिस्सा बनाया. फिर एप्स का निर्माण किया, जिनके सर्वर चीन में हैं. प्रारंभ में निवेश राशि पर पांच से 10 प्रतिशत तक लाभ दिया जाता था, जिससे निवेशक को लगता था कि इसमें कहीं कोई धोखाधड़ी नहीं है. उसके बाद निवेशक को और ज्यादा निवेश करने और अपने दोस्तों, रिश्तेदारों से भी निवेश करवाने के लिए कहा जाता था.

किसी भी निवेशक से बड़ी मात्रा में निवेश हासिल करने के बाद एप पर उसका खाता ब्लॉक कर दिया जाता और पैसों को कई बैंक खातों के एक जाल के जरिए इधर से उधर कर दिया जाता. दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करने के लिए एक पुलिसकर्मी नकली निवेशक बना और उसने एप्स के जरिए निवेश किया. उसके बाद भुगतान के लिए भेजे गए लिंक, यूपीआई आईडी, लेन देन आईडी आदि की जांच की गई, जिसकी मदद से गिरोह का पर्दाफाश हो पाया.

 

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