इंदौर. मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर अथवा एम्लीफायर आदि पर आपत्ति व्यक्त करते हुए अधिवक्ताओं ने इन्दौर संभागायुक्त एवं पुलिस आयुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा. उन्होंने शहर की सघन आबादी में स्थित मस्जिदों में अवैधानिक रूप से बिना उचित अनुमति लिए लाउडस्पीकर अथवा एम्लीफायर लगाने का मामला उठाया. उन्होंने अजान से उत्पन्न हो रही पब्लिक न्यूसेंस तथा ध्वनि प्रदूषण को पूर्णतः प्रतिबंधित करने की अपील की.
ज्ञापन में बताया कि शहर स्वच्छता में नम्बर एक शहर बना हुआ है, अब सबसे स्वस्थ्य एवं ध्वनि प्रदूषण रहित शहर बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. शहर में ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है. जिससे आम जनता के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है.
अधिकांश मस्जिदों में प्रतिदिन मानक ध्वनि नियमों से अधिक का ध्वनि प्रदूषण होता है. जिसके कारण स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.
माननीय उच्च न्यायालय के आदेश क्रं 4792/2005 राजेन्द्र कुमार वर्मा विरूद्ध मध्यप्रदेश शासन में ध्वनि प्रदूषण के संबंध में मानक स्थापित किये गये थे. जिसके तहत संविधान के अनुच्छेद 19 (1) ए एवं अनुच्छेद 21 को ध्वनि प्रदूषण से जीवन की हानि को जोड़ा गया.
इसी प्रकार अनुच्छेद 51 ए (जी) के मौलिक कर्तव्यों में पर्यावरण संरक्षण प्रत्येक भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी को स्पष्ट करता है. इस प्रकार ध्वनि विस्तारक यंत्र, जिसमें एम्पलीफायर के उपयोग से होने वाला ध्वनि प्रदूषण भी जानलेवा माना गया है जो व्यक्ति के प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का हनन है.
अधिवक्ताओं ने अन्य मामलों को बताते हुए मस्जिद में अजान के लिए उपयोग होने वाले लाउडस्पीकर व एम्लीफायर पर रोक लगाने की मांग की. इस दौरान 300 से भी अधिक वकीलों ने सहमति व्यक्त की.