भुवनेश्वर. गत कुछ माह से भद्रक जिले में हिन्दू समाज और उनकी धार्मिक आस्थाओं पर लगातार हमले हो रहे हैं और जिले में शांति भंग करने की साजिश रची जा रही है. इसकी जानकारी कई बार जिला प्रशासन को दी गई, लेकिन प्रशासन की चुप्पी के कारण भद्रक के हिन्दू संगठन, सामाजिक संगठन, आध्यात्मिक संगठनों के कार्यकर्ता और आम जनता ने जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया.
विहिप पदाधिकारी मानस महांति ने कहा कि हाल के महीनों में कट्टरपंथी समूह भद्रक में शांति भंग कर रहे हैं. ये समूह कभी पुलिस पर हमला कर रहे हैं तो कभी हिन्दू व्यापारियों को निशाना बना रहे हैं और कभी आम हिन्दू परिवारों को निशाना बना रहे हैं. गोहत्या और पशु तस्करी की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है. इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बार बार अनुरोध किया गया, लेकिन दुःखद बात है कि प्रशासन व पुलिस कट्टरपंथियों के खिलाफ समुचित कार्रवाई नहीं कर रही है. प्रशासन की उदासीनता से परेशान होकर समाज ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. यदि इन असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन तेज होगा.
प्रदर्शनकारियों ने मुख्य रूप से 27 सितंबर को संथिया में पुलिस पर हुए हमले के मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की. साथ ही, जिले में बढ़ते “लव जिहाद” मामलों की जांच के लिए एक स्वतंत्र प्रकोष्ठ बनाने और बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान और उन्हें निष्कासित करने की मांग की.
भद्रक में अवैध बांग्लादेशि घुसपैठियों को आश्रय दिया जा रहा है, उनके आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसी पहचान पत्र तैयार कर किए जा रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई. साथ ही राज्य सरकार के 1960 के गोहत्या निषेध अधिनियम का सख्ती से पालन करवाने की बात कही गई.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि भद्रक में ऐसे कट्टरपंथी भी हैं जो हमास और तहरीक-ए-तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों का खुले आम समर्थन करते हैं. ऐसे व्यक्तियों की गिरफ्तारी और मामले की केंद्रीय एजेंसी द्वारा जांच की जानी चाहिए.
प्रदर्शनकारियों ने भद्रक जिले में ईसाई मिशनरियों द्वारा गैरकानूनी तरीके से किए जा रहे धर्मांतरण को रोकने तथा धर्मांतरित लोगों को मिलने वाली आरक्षण व अन्य सुविधाओं को रद्द करने की मांग की. जिले में अवैध चर्च निर्माण पर रोक लगाने की भी मांग की.
विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने गांधी मैदान से विशाल रैली निकालकर जिला कलेक्टर के कार्यालय के सामने जनसभा का आयोजन किया. एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.