नई दिल्ली. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला जी ने कहा कि संसद भवन में पर्यावरण विषय पर युवाओं द्वारा की गई चर्चा का अवश्य असर होगा. वे संसद भवन में आयोजित राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद-2022 में संबोधित कर रहे थे.
‘पर्यावरण संरक्षण गतिविधि’ के सहयोग से मानव रचना विश्वविद्यालय फरीदाबाद द्वारा आयोजित “ईको संसद” में देश भर के 155 विश्वविद्यालयों में आयोजित प्रतियोगिता में पचास हजार विद्यार्थियों ने भाग लिया था, इनमें से विजयी 144 विद्यार्थियों ने ईको संसद (राष्ट्रीय स्तर पर) प्रतियोगिता में भाग लिया.
विद्यार्थियों ने चर्चा में भारत में मौजूद संसाधनों पर प्रकाश डाला. अत्यधिक खनन तथा निर्माण से लेकर आधुनिकीकरण के परिणामों पर विचार- विमर्श किया. नवीन विचारों, मजबूत आंकड़ों के आधार पर गहन चर्चा की.
आज जब सारा विश्व पर्यावरण संकट के समाधान के लिए भारत की ओर आशा भरी दृष्टि से देख रहा है तो हमें इसके समाधान के लिए भारत की प्राचीन व्यवस्था का अध्ययन करना होगा, जिसके आधार पर हमने पिछले कुछ वर्षों तक पर्यावरण को सुरक्षित रखा था.
पर्यावरण की सुरक्षा हमारी जीवन शैली में थी, उसे पुनः नए प्रकार से अपनाना होगा. पंच तत्व से बना शरीर पंच तत्व में मिल जाएगा. इस पंच तत्व को सुरक्षित रखना यानि स्वयं को सुरक्षित रखना होगा, यह मन्त्र हमें समझकर दुनिया को समझाना होगा. युवा प्रतिभागियों ने अक्षय ऊर्जा, प्राकृतिक गैस और पवन ऊर्जा संयंत्रों की ओर ध्यान आकर्षित किया. ओम बिरला जी कार्यक्रम की अध्यक्षता की.