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डॉ. राम अवतार शर्मा सनातन धर्म रत्न पुरस्कार 2025 से सम्मानित, श्री राम वनगमन मार्ग पर शोध के लिए मिला सम्मान

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अयोध्या धाम।

डॉ. राम अवतार शर्मा जी को सनातन धर्म रत्न पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। श्री राम सांस्कृतिक शोध संस्थान द्वारा कारसेवकपुरम में आयोजित श्री राम वनगमन मार्ग के अखिल भारतीय कार्यकर्ता सम्मेलन में सम्मान प्रदान किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय जी ने किया।

यह पुरस्कार डॉ. राम अवतार को श्री राम की यात्राओं पर गत 50 वर्षों से लगातार किये जा रहे शोध कार्यों तथा सनातन धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए सनातन मंदिर चेतना सोसायटी एवं सनातन वैदिक रामराज परिषद् के अध्यक्ष अजय कुमार मिश्र ने प्रदान किया। पुरस्कार में उन्हें एक लाख रुपये की राशि का चेक, चांदी का सनातन धर्म रत्न पदक एवं स्मृति पत्र प्रदान किया गया।

डॉ. रामावतार शर्मा का जन्म हरियाणा में रेवाड़ी के दरौली ग्राम में हुआ था। आप आयकर विभाग में राजपत्रित अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए। बचपन से ही भगवान शिव के उपासक रहे, 06 वर्ष की आयु में शिव मंदिर में आपको भगवान राम के वन गमन स्थलों के दर्शन की प्रेरणा मिली। जिसे पूरा करने का संकल्प ले मार्ग पर निकल पड़े। संपूर्ण भारत की यात्रा पैदल, साइकिल, स्कूटर, बस रेल आदि साधनों से की।

डॉ. राम अवतार के कार्य को देखते हुए भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय ने वनवासी राम और लोक संस्कृति परियोजना का दायित्व सौंपा तथा आर्थिक सहायता प्रदान की। भारत के साथ ही विदेशों में भी इस शोध कार्य को प्रदर्शित करने के लिए आपको आमंत्रित किया गया। शोध पर आधारित एक धारावाहिक जहं जहं राम चरन चलि जाही का निर्माण हुआ और अब भारत सरकार द्वारा श्री राम वनगमन मार्ग का निर्माण किया जा रहा है।

संस्था के अध्यक्ष अजय कुमार मिश्र ने बताया कि इस महान कार्य के लिए डॉ. राम अवतार शर्मा जी को सनातन धर्म रत्न 2025 से सम्मानित कर गौरव की अनुभूति कर रहे हैं।

सनातन धर्म के क्षेत्र में आजीवन कार्य करने वाले लोगों को यह पुरस्कार प्रतिवर्ष दिया जाता है। अब तक या पुरस्कार आठ लोगों को दिया जा चुका है। जिसमें स्वामी रामभद्राचार्य जी, स्वामी राम ह्रदय दास जी, स्वर्गीय अशोक सिंहल दी, पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी, विष्णु शंकर जैन, हरिशंकर जैन एवं स्वर्गीय रतन टाटा आदि शामिल हैं।

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