शिमला. रेबिज के सस्ते उपचार के लिए पदमश्री से सम्मानित किये जा चुके हिमाचल के डॉ. उमेश भारती को विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने सर्प दंश के नियंत्रण और रोकथाम के रणनीतिक विशेषज्ञ के पैनल में शामिल किया है. डॉ. भारती शिमला स्थित स्वास्थ्य विभाग के परिमहल में राज्य महामारी विशेषज्ञ के पद पर कार्यरत हैं. वर्ष 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें रेबीज के सस्ते इलाज के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डॉ. भारती को पत्र जारी करते हुए कहा कि वह समय-समय पर अपनी विभिन्न परियोजनाओं में उनकी सहायता लेगा और उनकी तकनीकी जानकारी का प्रयोग करेंगे. 53 वर्षीय डॉ. भारती ने कहा कि यह उनके लिए गर्व का विषय है कि WHO ने उन्हें अपने विशेष पैनल में शामिल किया है. उन्होंने विश्वास जताया कि वह WHO का लक्ष्य जो 2030 तक सर्पदंश मृत्यु और अपंगता को 50 प्रतिशत से कम करने का है, उसमें अपनी भूमिका निभाएंगे. वह रेबीज के सस्ते ईलाज के साथ-साथ सर्पदंश पर भी कई सालों से रिसर्च कर रहे हैं.
तीन वर्ष से सांपों के ज़हर पर कर रहे प्रयोग
डॉ. भारती सर्पदंश पर भारत सरकार की गाइडलाइन कंसल्टेशन का भी हिस्सा रहे हैं. आईसीएमआर ने हाल ही में डॉ. भारती और उनकी शोध टीम के लिए सर्पदंश से होने वाली मौतों का सर्वे करने के लिए 7 करोड़ रूपये की लागत का एक प्रोजेक्ट मंजूर किया है. इस सर्वे में उनकी टीम आठ राज्यों में होने वाली मौतों अपंगता और इलाज पर होने वाले खर्च का सर्वे करेगा. पिछले तीन वर्ष से डॉ. भारती वन विभाग से मिल कर हिमाचल में सर्वे और उनके ज़हर पर प्रयोग कर रहे हैं ताकि सर्पदंश के इलाज में उचित बदलाव लाया जा सके. देश में हर साल करीब 50 हज़ार लोग सर्पदंश से मरते हैं.