नई दिल्ली. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय वायुसेना की टीम ने संयुक्त रूप से 29 अक्तूबर, 2021 को एक एरियल प्लेटफॉर्म से स्वदेशी रूप से विकसित लॉन्ग-रेंज बम (एलआरबी) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान से दागे जाने के बाद एलआर बम को निर्दिष्ट सीमाओं के भीतर सटीकता के साथ लंबी दूरी पर स्थित भूमि-आधारित लक्ष्य के लिए निर्देशित किया गया. मिशन के सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया. उड़ीसा में एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर द्वारा तैनात इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस), टेलीमेट्री और रडार सहित कई रेंज सेंसर द्वारा बम की फ्लाइट और प्रदर्शन की निगरानी की गई थी.
एलआर बम को अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के समन्वय में हैदराबाद स्थित डीआरडीओ प्रयोगशाला, रिसर्च सेंटर इमारत द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय वायुसेना और सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी अन्य टीमों को बधाई दी और कहा कि यह भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एक फ़ोर्स मल्टीप्लायर साबित होगा.