नई दिल्ली. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 11 जनवरी, 2022 को मानव संचालित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का अंतिम सफल परीक्षण किया. स्वदेश में विकसित यह टैंक रोधी मिसाइल कम भार वाली, दागो और भूल जाओ मिसाइल है, क्योंकि इसे दागे जाने के बाद पुनः निर्देशित करने की आवश्यकता नहीं पड़ती और धुआं भी नहीं निकलता. मिसाइल को थर्मल साइट के साथ एकीकृत मानव संचालित लॉन्चर से दागा गया. मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य पर हमला किया तथा उसे नष्ट कर दिया. परीक्षण के दौरान अंतिम वृत्तांत को कैमरे में कैद किया गया और मिसाइल ने अपनी क्षमताओं को पुष्ट करते हुए सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया है.
वर्तमान परीक्षण में इसको न्यूनतम सीमा तक सिलसिलेवार कार्य-प्रदर्शन में सिद्धस्त प्रदर्शित करना था. इस मिशन के दौरान सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया. मिसाइल ने ऑन-बोर्ड नियंत्रण और मार्गदर्शन के लिए इन्फ्रारेड इमेजिंग सीकर तथा एडवांस्ड एवियोनिक्स को सीमित कर दिया है. मिसाइल के कार्य-निष्पादन को पहले की परीक्षण जांचों में अधिकतम सीमा तक के लिए प्रमाणित किया गया है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने टैंक रोधी मिसाइल की निरंतर सफलताओं के लिए डीआरडीओ टीम को बधाई दी. उन्नत प्रौद्योगिकी आधारित रक्षा प्रणाली विकास में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है.