जयपुर. राजस्थान के डूंगरपुर में शिक्षक भर्ती की आड़ में हो रही हिंसा में नक्सल कनेक्शन की बात सामने आ रही है. सतर्कता विभाग राजस्थान के जनजाति बहुल क्षेत्रों में बिगड़े हालातों के लिए झारखंड के नक्सली नेताओं से संपर्क रखने वाले स्थानीय संदिग्ध लोगों को जिम्मेदार मान रहा है. पुलिस मुख्यालय और इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार झारखंड के कुछ संदिग्ध लोग कई बार राजस्थान आ चुके हैं. तथा यहां से कई लोगों को विश्वास में लेकर झारखंड में चिंतन शिविरों में भी ले जा चुके हैं. विभाग की ओर से समय-समय पर इस संबंध में दिए इनपुट में बताया था कि ऐसे लोग राजस्थान में पैर जमा चुके हैं. इससे यहां माहौल बिगड़ सकता है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि एक पुलिस अधिकारी ने झारखंड के संदिग्ध लोगों के पैर जमाने संबंधी गोपनीय रिपोर्ट दी तो माहौल बिगाड़ने का हवाला देकर उक्त पुलिस अधिकारी के इंक्रीमेंट रोक दिए गए थे. जबकि उक्त रिपोर्ट के कुछ साल बाद प्रदेश के एक हिस्से में उपद्रव हुआ था.
गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट!
ताजा हालात को लेकर गृह मंत्रालय ने भी रिपोर्ट मांगी है. पुलिस मुख्यालय ने राज्य के गृह विभाग को रिपोर्ट उपलब्ध करवाई है, जो गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी.
डूंगरपुर में उत्पात मचाने वाले कुछ लोग बाहरी राज्यों के हैं. कुछ स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की. पुलिस बाहरी लोगों की पहचान करने में जुटी है.
”इंटेलिजेंस से कई बार इनपुट मिलता रहता है. यह भी सही है कि कई बार देर हो जाती है, लेकिन डूंगरपुर में अब स्थिति नियंत्रण में है.” – भूपेन्द्र सिंह, डीजीपी, राजस्थान
डूंगरपुर जिले में हुए उपद्रव को लेकर पुलिस ने कुल 24 प्रकरण दर्ज किए हैं. पुलिस मुख्यालय ने रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की है. पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि जान-माल की सुरक्षा के लिए बल प्रयोग करना पड़ा और गोली चलानी पड़ी. इसमें 2 लोगों की मौत हो गई, दो घायल हो गए. घायलों की स्थिति खतरे से बाहर है. क्षेत्र में रैपिड एक्शन फोर्स की 2 कंपनी तैनात की गई हैं. भारी पुलिस बल के साथ आरएसी की 6 कंपनी तैनात हैं.
शिक्षक भर्ती के अनारक्षित पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग को लेकर रविवार को चौथे दिन भी उग्र प्रदर्शन जारी रहा. हालांकि खेरवाड़ा में जनजाति अभ्यर्थियों के साथ अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक के बाद शाम को जनजाति अभ्यर्थियों ने डूंगरपुर जिले के कांकरी डूंगरी से धरना समाप्त कर दिया. इसके साथ ही उदयपुर-अहमदाबाद हाईवे खोल दिया गया. लेकिन शाम को प्रदर्शनकारियों ने ऋषभदेव और झाड़ोल में धावा बोल दिया.
ऋषभदेव में कस्बावासियों ने लाठी-हथियार लहराए तो प्रदर्शनकारी भाग गए और पहाड़ियों से पथराव किया. हालात पर नियंत्रण के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. कुछ देर बाद प्रदर्शनकारियों ने झाड़ोल गांव में उदयपुर-झाड़ोल मार्ग जाम कर दिया और पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों पर पथराव शुरू कर दिया. इससे तहसीलदार की गाड़ी के कांच टूट गए, चालक व एएसआई को चोटें आई. दोनों जगह उपद्रवी पहाडिय़ों पर डेरा डाले रहे.