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शिक्षा से पुरुषार्थी और समाज निर्माण में योगदान देने वाली पीढ़ी तैयार होनी चाहिए – सुरेश सोनी जी

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सम्राट विक्रमादित्‍य सैनिक स्‍कूल का भूमिपूजन समारोह आयोजित

भोपाल. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेश सोनी जी ने कहा कि मानवता के हित के कार्य शिक्षा द्वारा होने चाहिए. भारत ने युगों-युगों से विश्व को यही मार्गदर्शन दिया है. अब फिर समय आ रहा है कि भारत विश्व का मार्गदर्शन करे. विद्या भारती भी इस दिशा में कार्य कर रही है. सुरेश सोनी जी विद्या भारती मध्यभारत प्रांत के ‘सम्राट विक्रमादित्य सैनिक स्कूल’ के भूमिपूजन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे.

समारोह में महामंडलेश्‍वर अनंत विभूषित श्री ईश्‍वरानंद ब्रह्मचारी (महर्षि उत्‍तम स्‍वामी) जी का पावन सान्निध्‍य रहा. कार्यक्रम की अध्‍यक्षता मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की. आयोजन के विशिष्‍ट अतिथि पूर्व मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री श्रीराम अरावकर, नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ऑफ इंडिया के प्रबंध संचालक आशीष कुमार चौहान एवं एनएचडीसी लिमिटेड के प्रबंध संचालक विजय कुमार सिन्‍हा थे.

सुरेश सोनी जी ने कहा कि आज मनुष्य के परिवेश का बहुत विकास हो रहा है. पर मनुष्य स्वयं पिछड़ता जा रहा है. विश्व में साक्षरता तो बढ़ रही है, लेकिन मनुष्य में मौलिक कमी आ रही है. इसे पूरा करना आवश्यक है, नहीं तो मानव जाति का संपूर्ण विकास नहीं हो सकता. टेक्नोलॉजी कनेक्ट कर सकती है, लेकिन रिलेट नहीं कर सकती. मनुष्य का ज्ञान, तकनीकी कौशल तो बढ़ना चाहिए. पर उसके अंदर विश्व बंधुत्व और मानवता का भाव भी पूर्ण होना चाहिए. यही भारत का आध्यात्मिक अनुष्ठान है, जिस पर विद्या भारती प्रारंभ से कार्य कर रही है.

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शिक्षा से पुरुषार्थी और समाज निर्माण में योगदान देने वाली पीढ़ी का निर्माण होना चाहिए. एक ऐसी पीढ़ी जिसमें सामाजिकता, राष्ट्रीयता, संपूर्ण सृष्टि के हित का विचार हो, इस दिशा में विद्या भारती कार्य कर रही है. सैनिक स्कूल का यह प्रकल्प इस दिशा में कार्य करेगा.

वर्तमान समय में विद्या भारती के शैक्षिक जगत में योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि विद्या भारती ने प्रारंभ से ही अपना लक्ष्य रखा है कि मनुष्य का पंचकोशात्मक विकास होना चाहिए और विद्या भारती ने इस मॉडल को विकसित किया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तैयार हुई है, जिससे आने वाले 10 वर्षों में बहुत परिवर्तन आने वाला है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण में विद्या भारती का बड़ा योगदान है. विद्या भारती अपने विद्यार्थियों में संस्कारों का बीजारोपण करती है.

उन्होंने कहा कि अपने देश की समस्या रही कि ब्रिटिश शिक्षा नीति नौकरी आधारित रही. इसका परिणाम यह हुआ कि मौलिक ज्ञान, शोध, अनुसंधान का कार्य रुक गया. अब समय आ रहा है कि भारत अपने ज्ञान से विश्व का मार्गदर्शन करने के लिए तैयार हो.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि विद्या भारती ने इस प्रकल्प का नाम सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर रखा है. उनके जैसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता. सुशासन के पक्षधर सम्राट विक्रमादित्य ने प्रत्येक क्षेत्र में कार्य किया था. विद्या भारती ने पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाई है. यह गौरव की बात है कि इस सैनिक स्कूल से निकलकर विद्यार्थी राष्ट्र की रक्षा और सेवा करेंगे.

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विद्या भारती देश और समाज के लिए ऐसे नागरिकों का निर्माण कर रही है जो विश्व को शांति का अधिक दिग्दर्शन कराएंगे. सैनिक स्कूल में शिक्षा प्राप्त करने से विद्यार्थियों को सेना में बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे.

राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री श्रीराम अरावकर ने कहा कि विद्या भारती का प्रथम विद्यालय 1952 में प्रारंभ हुआ था. इसके बाद देश भर में विद्या भारती के 12000 से अधिक विद्यालय संचालित हो रहे हैं. विद्या भारती के विद्यालयों की विशेषता है कि वह भारतीय संस्कृति पर आधारित शिक्षा प्रदान करते हैं.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया के प्रबंध संचालक आशीष कुमार चौहान ने कहा कि इस विद्यालय से भविष्य में बहुत सारे सैनिक, सैन्य अधिकारी, उद्योगपति और समाजसेवी निकलेंगे.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उत्तम स्वामी जी ने कहा कि हमारे शास्त्रों में देश सेवा को सबसे बड़ा पुण्य बताया गया है. एनएचडीसी के प्रबंध निदेशक विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि एनएचडीसी के लिए यह समाज के लिए सहयोग करने का अवसर है. यह विद्यालय अपने आप में अनूठा होगा.

कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती के प्रांत प्रमुख डॉ. रामकुमार भावसार ने किया. आभार विद्या भारती के मध्य भारत प्रांत के अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता ने व्यक्त किया.

हॉर्स राइडिंग ट्रैक, शूटिंग रेंज भी बनेगी

विद्या भारती मध्यभारत प्रांत द्वारा प्रदेश के सीहोर जिले की बुदनी तहसील के ग्राम बगवाड़ा में ‘सम्राट विक्रमादित्य सैनिक स्कूल’ का निर्माण किया जा रहा है. परिसर में आधुनिक शिक्षा की सुविधा, सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षण के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी. नर्मदा नदी एवं नेशनल हाईवे-46 के पास वन एवं पर्वत श्रृंखलाओं से घिरे इस स्थान पर भारतीय सेना के कौशल और संस्कारों के साथ शिक्षा प्रदान की जाएगी.

भवन की नींव नवग्रह विधान, वास्तु पुरुष एवं अन्य सांस्कृतिक मूल्यों पर रखी जा रही है. परिसर में शैक्षणिक खंड, रेसीडेंशियल खंड, ऑडिटोरियम खंड, स्विमिंग पूल, हॉकी मैदान, हॉर्स राइडिंग ट्रैक, एथलेटिक ट्रैक, शूटिंग रेंज सहित अन्य खेलों एवं साहसिक गतिविधियों के अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण की सुविधा रहेगी.

सम्राट विक्रमादित्य सैनिक स्कूल का परिसर लगभग 40 एकड़ का होगा. इसमें 800 छात्र और 400 छात्राओं के अध्यन की सुविधा रहेगी. विद्यालय परिसर में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग आवासीय परिसर बनेंगे. विद्यालय में डे-बोर्डिंग की सुविधा भी रहेगी. विद्यालय का मुख्य भवन 24500 वर्ग मीटर में बनाया जाएगा. साथ ही स्पोर्ट्स ग्राउंड, एथलेटिक्स ट्रैक, हॉकी मैदान, घुड़सवारी का मैदान, स्विमिंग पूल एवं शूटिंग रेंज भी बनाई जाएगी.

परिसर में अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सभाग्रह बनाया जाएगा. वहीं प्राकृतिक दृश्यों के बीच कक्षाएं विद्यार्थियों के भीतर रचनात्मक जागने के लिए कला और शिल्प की कक्षा के लिए कक्ष होंगे.

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