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उच्च शिक्षा संस्थानों में तनावमुक्त रचनात्मक वातावरण निर्माण के लिए किए जाएं प्रयास

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नई दिल्ली. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने देश के सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में अकादमिक दबाव व तनाव को कम करने की दिशा में संस्था तथा नीतिगत दोनों स्तर पर शीघ्रता से प्रयास करने की मांग की. कोरोना सहित विभिन्न कारकों ने विद्यार्थियों के बीच कई तरह की मुश्किलें उत्पन्न की हैं, जिसके कुपरिणाम कई रूपों में सामने आ रहे हैं.

अभाविप ने मांग की कि वर्तमान समय में विद्यार्थियों के मध्य अकादमिक तनाव जैसी समस्याओं को दूर करने के निमित्त शैक्षणिक परिसरों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों व गतिविधियां शुरू करने के साथ ऐसे प्रयास होने चाहिए जो छात्रों के मध्य सकारात्मकता का प्रसार कर सकें.

2020 में तिरुचिरापल्ली में सम्पन्न विद्यार्थी परिषद की विचार बैठक में परिसरों को आनंदमय सार्थक छात्र जीवन का केन्द्र बनाने तथा विद्यार्थी के शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ सामाजिक व राष्ट्र जीवन के लिए उपयोगी बनने हेतु रचनात्मक परिवेश निर्मित करने का मत आया था. शैक्षणिक परिसरों को दबाव‌ व‌ तनावमुक्त कर रचनात्मक परिवेश निर्मित करने की दिशा में शीघ्रता से कार्य करने की आवश्यकता है.

महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि, “बीते दिनों में जिस प्रकार से अलग-अलग उच्च शिक्षा संस्थानों में आत्महत्या की घटनाएं सामने आई हैं, वह बेहद चिंताजनक हैं. इस तरह की स्थिति सुधरे इसलिए विभिन्न सकारात्मक कदम उठाने होंगे. अकादमिक तनाव को कम करने की दिशा में सरकार तथा शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों सहित सभी हितधारकों को एकसाथ आना होगा व शैक्षणिक परिसरों में सकारात्मक परिवर्तन और विद्यार्थियों के लिए खुला एवं रचनात्मक परिवेश निर्मित करने की दिशा में तेजी से प्रयास करने होंगे.”

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