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सेना का सशक्तिकरण – सेनाओं को 300 करोड़ रुपये तक की खरीद करने की अनुमति

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गलवान झड़प के पश्चात डिफेंस इक्विपमेंट खरीदने को 39 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत

एक हजार किमी तक मारक क्षमता वाली मिसाइलें बनेंगी, 72 हजार असॉल्ट राइफल खरीदी जाएंगी

नई दिल्ली. भारत सरकार ने चीन के साथ विवाद के बीच सेनाओं के सशक्तिकरण की गति तेज कर दी है. लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प के पश्चात अनेक डिफेंस डील्स को स्वीकृति प्रदान की है. सरकार का सबसे अहम फैसला सेना को हथियार खरीदने की छूट देने का था. चीन से जारी तनाव के बीच ही फ्रांस से 5 राफेल भी भारत आए.

15 जुलाई को डिफेंस मिनिस्ट्री की डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल यानि डीएसी ने तीनों सेनाओं को 300 करोड़ रुपये तक के हथियार खरीदने की छूट दे दी. यानि सेनाएं चाहें तो 300 करोड़ रुपये तक के हथियार या इक्विपमेंट बिना सरकार की स्वीकृति के अपने स्तर पर ही खरीद सकती हैं. हालांकि, इसके लिए समय सीमा तय की गई है, जिसके तहत 6 महीने के अंदर ऑर्डर देना होगा. तथा डिलीवरी भी 1 साल के भीतर होनी चाहिए.

भारत और चीन के बीच जारी तनाव कम होते-होते एक बार फिर बढ़ गया. दोनों देशों की सेनाएं पहली बार 5 मई को आमने-सामने आई थीं. उसके बाद 15-16 जून की रात को हिंसक झड़प हुई. बाद में बातचीत शुरू हुई और तनाव थोड़ा शांत होता दिख रहा था. लेकिन, अब एक बार फिर दोनों सेनाएं आमने-सामने हैं.

सरकार ने 15 जून से लेकर अब तक कौन-कौन सी डिफेंस डील कीं? क्या-क्या खरीदने को स्वीकृति प्रदान की? एक नजर –

38,900 करोड़ रुपए मंजूर

– सेना की आवश्यकताओं को देखते हुए डीएसी ने 02 जुलाई को 38 हजार 900 करोड़ रुपये स्वीकृत किये. इनसे 33 लड़ाकू विमान, मिसाइल सिस्टम और डिफेंस इक्विपमेंट खरीदे जाएंगे.

– वायुसेना के लिए रूस से 21 मिग-29 और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से 12 सुखोई विमान खरीदने को भी मंजूरी मिल गई है. इस पर 18 हजार 148 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इसके साथ ही 59 मिग-29 को भी अपग्रेड किया जाएगा.

एक हजार किमी तक मारक क्षमता वाली मिसाइलें बनेंगी

– डीएसी ने लंबी दूरी तक मार करने वाली लैंड अटैक क्रूज मिसाइल के निर्माण को भी मंजूरी दी है. ये भारत की पहली लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल है, जिसकी रेंज एक हजार किमी तक है.

– स्वदेशी मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर पिनाका की भी नई रेजिमेंट तैयार होगी. पिनाका की सबसे बड़ी विशेषता है कि इससे महज 44 सेकंड में 12 रॉकेट दागे जा सकते हैं.

– इसी तरह ‘अस्त्र’ मिसाइल के निर्माण में भी तेजी लाने का फैसला लिया गया है. इससे एयरफोर्स और नेवी की ताकत बढ़ेगी. अस्त्र मिसाइल की रेंज 160 किमी तक है.

टैंकों के लिए 557 करोड़ रुपए खर्च करके माइन्स प्लाउ आएंगे

– 20 जुलाई को ही रक्षामंत्री की बैठक में 1,512 माइन्स प्लाउ खरीदने का फैसला लिया गया. 557 करोड़ रुपये की लागत से खरीदे जा रहे माइन प्लाउ को टी-90 टैंकों पर फिट किया जाएगा. इसका लाभ ये है कि टैंक पर रहकर ही माइन्स को खोदकर निकाला जा सकेगा.

– रक्षा मंत्रालय ने ये डील भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड के साथ की है और 2027 तक ये माइन प्लाउ मिल जाएंगे. इनको बनाने के लिए जो सामान लगेगा, उसमें से 50% सामान स्वदेशी होगा.

इज़रायल से हेरॉन ड्रोन और स्पाइक बम खरीदेंगे

– गलवान में झड़प के बाद सरकार ने सेनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये का इमरजेंसी फंड जारी किया था. इसी फंड के तहत सेना इज़रायल से हेरॉन ड्रोन और स्पाइक एंटी मिसाइल खरीद रही है. तीनों सेनाओं के पास पहले से ही हेरॉन ड्रोन हैं. हेरॉन अनमैन्ड एरियल व्हीकल (यूएवी) ड्रोन की विशेषता है कि एक बार में दो दिन तक लगातार उड़ सकता है और 10 किमी की ऊंचाई से दुश्मन की हरकत पर नजर रख सकता है.

– पिछले साल बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद सेना को 12 लॉन्चर और 200 स्पाइक मिसाइलें मिलीं थीं. इसके अलावा एलएसी पर हालात बिगड़ने की सूरत में उससे निपटने के लिए सेना की तरफ से पहले ही स्पाइस-2000 बम, असॉल्ट राइफल और मिसाइल खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

अमेरिका से 72 हजार असॉल्ट राइफल खरीदी जाएंगी

– इमरजेंसी फंड से ही सेना अमेरिका से 72 हजार एसआईजी 716 असॉल्ट राइफल खरीदने जा रही है. अमेरिका से पहले ही 72 हजार राइफलें सेना की नॉर्दर्न कमांड और दूसरे ऑपरेशनल क्षेत्रों में तैनात सैनिकों को मिल चुके हैं. यह राइफलों का दूसरा बैच होगा.

– एसआईजी 716 असॉल्ट राइफल क्लोज और लॉन्ग कॉम्बैट की लेटेस्ट टेक्नीक से लैस हैं. एसआईजी 716 राइफल में ज्यादा ताकतवर 7.62×51 मिमी कारतूस का इस्तेमाल होता है.

इनपुट्स – भास्कर

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