उदयपुर. श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए हर घर से समर्पण का आग्रह किया जाएगा. चाहे कण मात्र हो या मन भर, देश के हर परिवार का अंशदान मंदिर निर्माण में शामिल हो, इसके लिए घर-घर सम्पर्क किया जाए, कोई घर न छूटे इसका ध्यान रखा जाएगा.
यह आह्वान रविवार को उदयपुर विद्या निकेतन सेक्टर-4 में रामोत्सव निधि संग्रह समिति चित्तौड़ प्रांत की बैठक में किया गया. कोरोना बचाव की गाइडलाइन की पालना करते हुए इस बैठक में बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़ से कार्यकर्ता शामिल हुए. बैठक में विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मंत्री उमाशंकर ने कहा कि भगवान राम हमारी संस्कृति हैं. हर परिवार अपने राम के मंदिर के लिए कुछ न कुछ समर्पित करना चाहता है. बस उस परिवार तक पहुंचना है और उनकी भावना का सम्मान करना है. उन्होंने बताया कि अभियान दो चरणों में चलेगा. पहला चरण 15 जनवरी से 30 जनवरी तक रहेगा, दूसरा चरण 31 जनवरी से 15 फरवरी तक रहेगा. दूसरे चरण में रामोत्सव निधि संग्रह समिति के कार्यकर्ता घर-घर सम्पर्क करेंगे. निधि संग्रह में 10 रुपये, 100 रुपये व 1000 रुपये के कूपन रहेंगे. जिस परिवार की जैसी भावना होगी, उनकी श्रद्धा का सम्मान करते हुए राम मंदिर के लिए उनका समर्पण स्वीकार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 2000 से अधिक की राशि पर 80-जी की छूट का प्रावधान भी रहेगा.
पहले चरण का आरंभ संतों के सान्निध्य से शुरू किया जाएगा. इस बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में बनने वाले ऐतिहासिक मंदिर का विवरण भी प्रस्तुत किया गया. बैठक में चित्तौड़ प्रांत मंत्री कौशल गौड़ ने कहा कि श्रीराम धर्म के मूर्ति मंत्र स्वरूप हैं, भारत की आत्मा हैं, इसके लिए श्रीराम भक्तों ने 492 वर्षों में कई संघर्ष किया. 09 नवम्बर, 1989 को श्रीराम जन्मभूमि पर कामेश्वर चौपाल द्वारा शिलान्यास किया गया. फिर 05 फरवरी, 2020 को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के नाम से न्यास का गठन कर 70 एकड़ जमीन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को सौंप दी गई. 05 अगस्त, 2020 को सदियों का सपना साकार हुआ और महामंडलेश्वर नृत्यगोपाल दास सहित देश के पूज्य आचार्य-संतों, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन कर मंदिर निर्माण का सूत्रपात किया. मंदिर के लिए 2.7 एकड़ क्षेत्रफल में 57400 वर्ग फीट निर्माण होगा, जिसकी कुल लंबाई 360 फीट, चौड़ाई 235 फीट, ऊंचाई शिखर तक की 161 फीट होगी. कुल 3 तल होंगे, प्रत्येक तल की ऊंचाई 20 फीट होगी.
रामोत्सव निधि संग्रह समिति के तत्वाधान में रविवार को जगह-जगह विभिन्न समाज, संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं की लघु बैठकें भी हुईं, जिनमें भगवान श्रीराम के मंदिर के लिए अधिक से अधिक निधि संग्रह का आह्वान किया गया.