नई दिल्ली. एनआईए ने अर्बन नक्सल और जिहाद के गठजोड़ व साजिश का खुलासा किया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने चार्जशीट में बताया है कि अर्बन नक्सल गैंग हिंसा फैलाने में लगा है और हिन्दुओं में फूट डालने की बड़ी साजिश रची जा रही है. यह भी खुलासा किया है कि यह गैंग दलितों के नाम पर एक्टिव हो जाता है. भीमा-कोरेगांव से लेकर हाथरस तक गैंग ने बड़ी साजिश रची थी.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भीमा-कोरेगांव मामले में दायर पूरक चार्जशीट में गठजोड़ का खुलासा किया है. एजेंसी की जांच में हिंसा के तार ISI से भी जुड़ रहे हैं. चार्जशीट में बताया है कि आरोपी गौतम नवलखा के तार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के एजेंट से जुड़े हुए थे. अमेरिका की अदालत में गुलाम नबी के खिलाफ दस्तावेजों में इस बात का साफ जिक्र है कि वह ISI एजेंट था. अमेरिका में रह रहा फई ISI के लिए काम कर रहा था. उसके पास अमेरिकी नागरिकता थी.
फई केएसी संगठन के एजेंडे को बढ़ावा दे रहा था. केएसी संगठन को ISI फंडिंग कर रहा था. ईमेल-फोन के जरिए नवलखा-फई के तार जुड़े थे. फई के इशारे पर नवलखा देश विरोधी हरकतों में जुटा हुआ था. ISI एजेंट फई की 2011 में गिरफ्तारी हुई थी. गौतम नवलखा शहरी इलाकों में एक्टिव था. वो संगठन से बुद्धिजीवियों को जोड़ने में लगा हुआ था. गोरिल्ला एक्टिविस्ट को संगठन में शामिल कर रहा था.
पूरक चार्जशीट में स्टेन स्वामी की कुंडली भी सामने आई है. चार्जशीट के अनुसार, स्टेन स्वामी सीपीआई माओवादी नेताओं के संपर्क में था. वह नक्सली हरकतों के प्रसार में जुटा था. स्टेन स्वामी के घर से एनआईए को गोपनीय दस्तावेज मिले हैं. भीमा-कोरेगांव मामले की जांच में जुटी NIA ने हनी बाबू की साजिश का भी खुलासा किया है. जांच में NIA को कई खुफिया ईमेल मिले. जिससे पता चला है कि हनी बाबू नक्सलियों के लिए फंड जमा करने में जुटा था.