लखनऊ. फतेहपुर जिले में सामूहिक धर्मांतरण के मामले में विदेशों से फंडिंग का खुलासा हुआ है. मामले में अमेरिका, लंदन, कनाडा और पाकिस्तान से 60 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग का खुलासा हुआ है. यूनिवर्सिटी बोर्ड के मेंबर डॉक्टर आईज़क फ्रेंक ने विवेचक के समक्ष स्वतंत्र गवाह के रूप में अपना बयान दर्ज कराया है. बोर्ड मेंबर ने विभिन्न बैंकों के 72 खातों की विदेशी फंडिंग के दस्तावेज प्रस्तुत किए. अपने बयान में कहा कि नैनी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के चांसलर, वाइस चांसलर और प्रबंध निदेशक ने ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार करने के नाम पर विदेशों से करोड़ों की वित्तीय मदद ली. इसमें अमेरिका, लंदन, कनाडा और पाकिस्तान से 60 करोड़ से ज्यादा की फंडिंग हुई.
बता दें कि हरिहरगंज इवेंजलिकल चर्च में 15 अप्रैल, 2022 को हुए सामूहिक धर्मांतरण का 56 लोगों पर केस दर्ज किया था. उत्तर प्रदेश एटीएस की निगरानी में जब मामले की जांच शुरू हुई तो धर्मांतरण की फंडिंग के तार प्रयागराज नैनी सैम हिग्गिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नालॉजी एंड साइंस (शुआट्स) प्रबंध समिति से जुड़े मिले. जिसके बाद पुलिस ने यूनिवर्सिटी के चांसलर जॉटी आलिवर, वाइस चांसलर आरबी लाल और प्रबंध निदेशक विनोद बी लाल सहित चार को नोटिस जारी कर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया था. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने चारों लोगों को धर्मांतरण केस का आरोपी बनाया है.
धर्मांतरण केस की जांच कर रहे विवेचक अमित मिश्रा के अनुसार डॉ. आईज़क फ्रेंक यूनिवर्सिटी के बोर्ड मेंबर हैं. वह स्वतंत्र गवाह के रूप में पुलिस के समक्ष पेश हुए. पुलिस ने उनसे करीब 60 बिंदुओं पर पूछताछ की. डॉ. आईजक फ्रेंक ने खुलासा किया कि यूनिवर्सिटी में पांच साल पहले डायरेक्टर विलसन किसपोटा थे. उनका आईसीआईसीआई बैंक में 24 करोड़ रुपया जमा था. वाइस चांसलर, सोसाइटी के निदेशक रंजन जॉन, स्टीफन दास ने धोखाधड़ी से किसपोटा के रुपये हड़प लिए थे. तीनों 31 अक्तूबर, 2018 को मामले में जेल गए थे. इसके पहले अमेरिका से पांच लाख डालर आरबी लाल के खाते में आए थे. इन रुपयों से लखनऊ मोहनलालगंज, मिर्जापुर, बंगलूर, रुड़की, अजमेर, इटावा, तक यीशू दरबार खोले गए.
ईसाई धर्म के प्रचार-प्रसार के नाम पर वॉइस चांसलर आरबी लाल ने कनाडा के बिशप फिल की पत्नी डायना से करीब पांच करोड़ रुपये मांगे थे. रुपयों से धार्मिक प्रचार प्रसार के लिए रायबरेली जिले में थियोलॉजी शिक्षण संस्थान खोला गया. इसके अलावा पाकिस्तान के सियालकोट कैंट से आर्थिक मदद मांगी थी. रकम आरबी लाल के आईडीबीआई, बीओबी, साउथ इंडियन बैंक, पीएनबी सहित अन्य बैंक खातों में आईं. कुल 72 बैंक खातों की जानकारी दी है. पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन आईएसआई से जुड़ाव होने की आशंका पर एटीएस ने जांच की थी.