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कोरोना से जंग – एनटीपीसी ने 600 ऑक्सीजन बेड, व 1200 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की

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नई दिल्ली. सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान न सिर्फ देश में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की, बल्कि समाज की तरफ मदद का हाथ भी बढ़ाया है. कंपनी ने देश के विभिन्न हिस्सों में चिकित्सा बुनियादी ढांचे में इजाफा किया है.

एनटीपीसी ने पहल करके 600 से अधिक ऑक्सीन बेड और 1200 आईसोलेशन बेडों की व्यवस्था की है. इसके कारण आम जनता सहित तमाम लोगों की प्राण रक्षा हो सकी है. एनटीपीसी, राज्य और जिला प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर काम कर रही है और उसने दूर-दराज के इलाकों में भी चिकित्सा बुनियादी ढांचों में इजाफा किया है. कोविड-19 के मामलों में तेजी, विशेषकर दिल्ली और एनसीआर में, के मद्देनजर एनटीपीसी ने अकेले एनसीआर में 200 ऑक्सीजन बेडों और 140 आईसोलेशन बेडों की सुविधा के लिये प्रयास किया, जिसके कारण कोविड मरीजों को बड़ी राहत मिली है. एनसीआर में यह सुविधा दादरी, नोएडा और बदरपुर में स्थापित की गई है. इन केंद्रों पर ऑक्सीजन सपोर्ट, कोविड टेस्टिंग, इनवेसिव और नॉन-इनवेसिव वेंटीलेटर, चौबीस घंटे नर्सिंग और चिकित्सा सहायता उपलब्ध है. इस सुविधा को 30 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. एनटीपीसी ने 40 से अधिक डॉक्टरों, सैकड़ों पैरा-मेडिकल और सपोर्ट स्टाफ की व्यवस्था की है. इसके साथ सात ऐसी ऐंबुलेंस भी हैं, जो ऑक्सीजन से लैस हैं और 24 घंटे सेवा में उपलब्ध हैं.

एनटीपीसी ने ओडिशा के सुंदरगढ़ में 400 करोड़ रुपये की लागत से 500 बिस्तरों वाला एक सर्व सुविधा सम्पन्न अस्पताल बनाया है. यह अस्पताल रिकॉर्ड समय में बनाया गया और महामारी के मद्देनजर उसे कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है. विभिन्न चिकित्सा उपकरणों के अलावा, इस अस्पताल में एनटीपीसी ने 20 वेंटीलेटर की सुविधा भी जोड़ दी है, जिससे असंख्य गंभीर मरीजों के उपचार में मदद मिल रही है. इसके अलावा, गंभीर उपचार को देखते हुये एनटीपीसी अस्पताल को अतिरिक्त 40 वेंटीलेटर दे रहा है. एनटीपीसी दार्लीपाली भी झारसुगुड़ा में 30 आईसीयू बिस्तरों की सुविधा शुरू करने में सहायता कर रहा है.

एनटीपीसी ने मध्यप्रदेश के खरगौन जिला अस्पताल में 250 ऑक्सीजन वाली बेडों, 20 एचडीयू और 10 आईसीयू बेडों की व्यवस्था की है. इसकी लागत 2.24 करोड़ रुपये आई है. यह सुविधा दूर-दराज के लोगों के लिये वरदान साबित हो रही है. इसके कारण कोविड-19 के कहर से बेशुमार लोगों की जिंदगी बची है. झारखंड में एनटीपीसी, नॉर्थ करमपुरा, ने 53 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी है, जिससे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, टंडवा, जिला चतरा, झारखंड में ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम वाले 15 आईसीयू बेड तैयार होने हैं. इसके अलावा हजारीबाग स्थित एनटीपीसी के पकड़ी बरवाडीह की खनन परियोजना ने रिम्स, रांची, आईटीकेईटीआई, रांची और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज के लिये केंद्रीयकृत मेडिकल गैस पाइपलाइन प्रणाली बनाई है. इसकी लागत एक करोड़ रुपये है. इसके जरिये एक हजार से अधिक बेडों तक ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है. देश के दूर-दराज के इलाकों में मौजूद एनटीपीसी की कई परियोजनायें अपने आसपास चिकित्सा बुनियादी ढांचा तैयार करने में भरपूर योगदान कर रही हैं.

संकट के मौजूदा दौर में एनटीपीसी की विभिन्न परियोजनाओं ने जिला प्रशासनों को 2000 से अधिक औद्योगिक सिलेंडर उपलब्ध कराये हैं, जिन्हें बदलकर मेडिकल ऑक्सीजन के सिलेंडरों के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. कंपनी ने दो दर्जन से अधिक ऑक्सीजन जेनेरेशन प्लांट स्थापित किये हैं. इनमें से कुछ संयंत्रों में ऑक्सीजन सिलेंडरों को भरने और रीफिल करने की भी सुविधा मौजूद है. इनमें से 09 पीएसए वर्ग के संयंत्रों और दो बॉटलिंग संयंत्रों को एनसीआर में लगाया जा रहा है. यह सुविधा चरणबद्ध तरीके से इसी महीने शुरू हो जाएगी. छह सौ एलपीएम पीएसए वर्ग का एक संयंत्र, सीएचसी, छाबरा, जिला बारन, राजस्थान में लगाया जा रहा है, जिसकी लागत लगभग एक करोड़ रुपये है. इसके लिये खरीद ऑर्डर दिया जा चुका है. एनटीपीसी की अन्य परियोजनाओं में रिहंद, ऊंचाहार, विंध्याचल (उत्तरप्रदेश), गदरवारा, खरगौन (मध्यप्रदेश) और ओडिशा के दार्लीपाली में जिला और स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन संयंत्र लगाये जा रहे हैं. इन ऑक्सीजन जेनेरेशन संयंत्रों को लगाने के लिये एनटीपीसी ने 12 करोड़ रुपये से अधिक की रकम खर्च की है.

इसके साथ ही एनटीपीसी के स्टेशनों ने सामुदायिक कल्याण के लिये पीपीई किट, मास्क, सेनीटाइजर, सूखा राशन और अन्य आवश्यक वस्तुओं का सार्वजनिक वितरण किया.एनटीपीसी परियोजनायें, सीआईएसएफ फायर विंग के साथ मिलकर सौ से अधिक गांवों-कस्बों में जन स्वच्छता कार्यक्रम चला रही है.

 

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