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सकारात्मकता एवं आत्मविश्वास से लड़ेंगे कोरोना की लड़ाई – नितिन गडकरी

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दिसंबर 2021 समस्त देशवासियों के टीकाकरण का लक्ष्य – मनसुख मंडाविया

हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद् व स्वदेशी स्वावलम्बन न्यास के संयुक्त तत्वाधान में कोरोना वैक्सीन एंड मेडिकेशन इक्विटी विषय पर वेबिनार आयोजित

कुरुक्षेत्र. सड़क, परिवहन और राजमार्ग व सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्री, भारत सरकार नितिन गडकरी ने कहा कि कोरोना का संकट पूरे विश्व पर है और भारत पर भी आया है. संकट पर जीत हासिल करना बहुत जरूरी है. कोविड के कारण सभी के जीवन में बदलाव आया है. वे मंगलवार को हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद् व स्वदेशी स्वावलम्बन न्यास के संयुक्त तत्वाधान में कोरोना वैक्सीन एंड मेडिकेशन इक्विटी विषय पर आयोजित वेबिनार में यूनिवर्सल एक्सेस टू वैक्सीन, मेडिसन एंड इक्विपमेंट विषय पर बोल रहे थे.

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के विशेष सहयोग से आयोजित वेबिनार में उन्होंने कहा कि सकारात्मकता एवं आत्मविश्वास से हम सब मिलकर कोरोना की लड़ाई लड़ सकते हैं. आदमी कभी युद्ध में हारने के बाद समाप्त नहीं होता, बल्कि युद्ध से भागने के बाद समाप्त होता है. हम सभी को आत्मविश्वास का निर्माण करने की आवश्यकता है. स्वास्थ्य सेवाओं में और काम करने की आवश्यकता है. स्वदेशी भारत की आत्मा है.

उन्होंने कहा कि नगर परिषद क्षेत्र में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर व ऑक्सीजन कंसंटेटर उपलब्ध नहीं है. इनकी उपलब्धता करवाने के लिए सामाजिक संस्थाएं अहम् भूमिका निभा सकती हैं. धार्मिक संस्थाएं, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षण संस्थान व अन्य सामाजिक संस्थाएं एकजुट होकर समाज हित में कार्य करके लोगों की जान बचा सकते हैं. एम्बुलेंस की कमी को भी दूर किया गया है. हमें लोगों की जान बचानी है. हमारी धर्म और कर्तव्य के साथ जुड़ी विचारधारा महत्वपूर्ण है. सभी समस्याओं को हल करेंगे व आगे बढ़ेंगे. भारत को कोविड से मुक्त करेंगे. उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से अनुरोध किया कि वे आत्मनिर्भर, प्रदूषण मुक्त व कोस्ट इफेक्टिव शोध पर कार्य करें.

जहाजरानी मंत्रालय, भारत सरकार के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुखभाई मंडाविया ने कहा कि देश में दवाईयों को बनाने का इंफ्रास्ट्रक्टचर किस कम्पनी के पास है, उसको जानकर जीवन रक्षक दवाईयों के प्रोडक्शन करने की अनुमति कोरोना काल में ज्यादा से ज्यादा प्रदान की गई. जिसके कारण आज देश में इनका निर्माण हो रहा है. दुनिया को हम बहुत दवाईयां दे रहे हैं. भारत बायोटैक कम्पनी कोविड महामारी के लिए वैक्सीन बना रही है. कई कम्पनियों का आपस में टाई-अप करवाया गया ताकि वह वैक्सीन का निर्माण कर सकें. उन्होंने वैक्सिन के उत्पादन के बारे में कहा कि दिसम्बर तक वैक्सीन का उत्पादन अधिक से अधिक किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता के अनुसार हर राज्य को वैक्सीन उपलब्ध करवाई जा रही है. पीपीटी के माध्यम से बताया कि दिसम्बर 2021 तक भारत में सभी को टीकाकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि यह कोरोना महामारी का समय विकट व विषम समय है. कोरोना वायरस ने आज जो अपना प्रभाव दिखाया है, उससे एक अकल्पनीय स्थिति सामने आई है. जिससे अनेक प्रश्न खड़े हुए हैं, जिनका उत्तर हमें ढूंढना है. इसी का समाधान ढ़ूंढने के लिए हम यह चर्चा कर रहे हैं. कुछ दिन पूर्व जो लोग वैक्सीन का विरोध कर रहे थे, आज वही लोग वैक्सीन के लिए उत्सुक हैं. उन्होंने कहा कि जब विश्वास पक्का होता है जो सफलता निश्चित मिलती है.

हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कार्यक्रम के आयोजकों को  बधाई देते हुए कहा कि कोरोना से सम्बन्धित सभी दवाईयों को पेटेंट मुक्त किया जाए ताकि यह वैक्सीन सभी लोगों को मिल सके. आयुर्वेदिक औषधियां इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुई है.

हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष प्रो. बीके कुठियाला ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन और दवा तक सार्वभौमिक पहुंच अभियान के तहत वेबिनार का आयोजन किया जा रहा है ताकि वैक्सीन और मेडिसिन को पेटेंट एवं आईपीआर कानूनों में छूट दिलवाकर विश्व के सभी लोगों तक पहुंच सुनिश्चित की जा सके. उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का हस्तातंरण करके अधिकतर कम्पनियों को उत्पादन करने के लिए प्रेरित करें ताकि इसका फायदा मिल सके तथा टीके व औषधि पेटेंट मुक्त होने चाहिए.

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि आज कोरेना महामारी के फैलने के कारण भारत में दवाओं, ऑक्सीजन तथा वैक्सीन की कमी हो रही है. पेंटेंट कानून वैक्सीन उत्पादन को बाधित कर रहे हैं. पेटेंट मुक्त वैक्सीन के लिए विश्व व्यापार संगठन में यह मुद्दा उठाया गया है. कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता के लिए सभी समाजिक संगठनों को मिलकर काम करना होगा.

भारत सरकार के पूर्व कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट पीएच कुरियन ने कहा कि आज हमें इस क्षेत्र में उत्पादक क्षमता को और ज्यादा बढ़ाने की जरूरत है ताकि इस वैश्विक महामारी से लोगों को बचाया जा सके. भारत सरकार इसके लिए तीव्र गति से कार्य कर रही है. कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लाइसेंस कम्पनियों को दिए जा रहे है.

एआईयू के सेक्रेटरी जनरल डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि देश के विश्वविद्यालयों में करीब 3.5 करोड़ विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं व करीब 15 लाख शिक्षकों का भी अभी तक वैक्सीनेशन नहीं हुआ है. यदि दवाओं को पेटेंट मुक्त करेगें तो सभी को सस्ती वैक्सिन उपलब्ध होगी.

अहिल्या देवी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. मृणालिनी फडनवीस ने कहा कि मानवता के दृष्टिकोण को देखते हुए इसे जनआंदोलन बनाने की जरूरत है. भारत में नवाचार जैसे आयुर्वेद व नेचुरोपैथी को आगे बढ़ाना चाहिए. औषधि के साथ मनोविज्ञान का आधार भी जरूरी है. प्रो. जेपी शर्मा ने कहा कि भारत व पूरे विश्व को वैक्सीन मिलनी चाहिए. इसकी उपलब्धता, एक्सेस व एफर्ट सुनिश्चित किया जाए.

गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भगवती प्रकाश ने कहा कि वेबिनार के माध्यम से पूरे देश से 500 से ज्यादा कुलपति, शिक्षाविद तथा वैज्ञानिकों ने अपील एवं चर्चा की. उन्होंने वेबिनार का वर्चुअल माध्यम से मंच संचालन किया व इजरायल व अन्य देशों का उदाहरण देते हुए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को जनआंदोलन बनाने का आह्वान किया. अंत में स्वदेशी स्वावलंबन न्यास के आर सुंदरम ने सभी मेहमानों व वक्ताओं का आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि हम सभी को दृष्टिकोण बदलकर इस देश के राष्ट्रीय चरित्र निर्माण में सहयोग करना चाहिए. राष्ट्रीय गान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ.

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