आजादी के दीवानों ने जबलपुर में झंडा सत्याग्रह आंदोलन किया था, उससे ब्रिटिश सरकार की चूलें हिल गईं थीं. जबलपुर के झंडा सत्याग्रह ने स्वतंत्रता आंदोलन में संजीवनी का कार्य किया. दो साल बाद शताब्दी वर्ष मनाया जाएगा, जिसमें देशभर में घर-घर में झण्डा फहराया जाएगा.
जबलपुर में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने झंडा सत्याग्रह कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बहुत संघर्ष एवं तपस्या के बाद मिली आजादी की रक्षा और देश के विकास के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. आजादी के अमृत महोत्सव के सिलसिले में शुक्रवार को जबलपुर में 1923 में हुए झंडा सत्याग्रह की यादें फिर से तरोताजा हो गईं.
आज जबलपुर में गरिमामय माहौल में कोविड गाइड लाइन के नियमों का पालन करते हुए झंडा सत्याग्रह कार्यक्रम मनाया गया. संस्कृति मंत्रालय एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल मुख्य अतिथि थे. कार्यक्रम की शुरुआत शहर के कमानिया गेट से टाउन हॉल परिसर गांधी भवन तक सांस्कृतिक सत्याग्रह पदयात्रा के साथ हुई.
केंद्रीय मंत्री ने टाऊन हाल पर फहराया तिरंगा
गांधी भवन में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने झंडारोहण कर अतीत के गौरवशाली पलो की यादें ताजा करते हुए ध्वजारोहण किया, जहां हमारे अमर बलिदानियों ने जांबाजी के साथ टाउन हॉल में सबसे पहले झंडा फहराया था. कार्यक्रम के दौरान सत्याग्रहियों के परिवारों को सम्मानित किया गया.
इतिहास के पन्नों में ठीक से उल्लेखित न हो सके झंडा सत्याग्रह में जबलपुर के योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर गौरव दिलाने के लिए केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने विशेष अभिरुचि दिखाते हुए आयोजन सुनिश्चित किया.
अभिलेखों के अनुसार झण्डा सत्याग्रह की रूपरेखा वर्ष 1922 में जबलपुर के टाऊन हाल में हुई बैठक में तैयार हुई थी. बस फिर क्या था, ब्रिटिश हुकूमत के आदेशों और सख्ती को दरकिनार करते हुए भारी पुलिस बल की तैनाती के बावजूद जबलपुर के जांबाज़ अमर बलिदानियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर विक्टोरिया टाऊन हाल में झण्डा फहरा दिया था. जबलपुर में झण्डा फहराने की ख़बर देश में आग की तरह फैल गई और फिर देश भर में जगह जगह झंडा फहराए जाने लगे.
प्रह्लाद सिंह पटेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि 19 जून को दमोह जिले के पथरिया में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और मूर्धन्य पत्रकार स्व सप्रे जी की जयंती मनाई जाएगी.