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कतर से सकुशल भारत लौटे पूर्व नौ सैनिक; कहा, भारत सरकार के हस्तक्षेप के बिना लौटना असंभव था

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नई दिल्ली. कतर में फांसी की सजा पाने वाले सात भारतीय नागरिक आज सुबह नई दिल्ली पहुंच गए. भारत सरकार ने कतर के फैसले का स्वागत किया है. रविवार देर रात विदेश मंत्रालय ने बताया था कि कतर ने सभी आठ नागरिकों को रिहा कर दिया है. अभी सात भारतीय वापस आ गए हैं. कतर ने जासूसी के आरोप में आठ पूर्व नौ-सैनिक अधिकारियों को फांसी की सजा सुनाई थी.

कतर से सकुशल भारत वापिस लौटे नागरिकों ने कहा कि प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बिना भारत वापस आना हमारे लिए असंभव था. हमने भारत वापस आने के लिए 18 महीने इंतजार किया है. हम प्रधानमंत्री के बेहद आभारी हैं. हम भारत सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का तहे दिल से आभार करते हैं. बिना भारत सरकार के प्रयासों के यह दिन संभव नहीं था.

जानकारी के अनुसार, आठों पूर्व नौ सैनिक दोहा स्थित अल दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजिज में काम करते थे. इन्हें अगस्त, 2022 में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि, आरोप कभी सार्वजनिक नहीं किए गए. अल दाहरा ग्लोबल कंपनी कतर के सैन्य बलों व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण व अन्य सेवाएं मुहैया कराती है. एक साल से अधिक जेल में रहने के बाद पूर्व नौसैनिकों को कतर की निचली अदालत ने अक्तूबर में मौत की सजा सुनाई थी.

हाल ही में भारत को कूटनीतिक सफळता मिली थी, जब कतर ने आठों अधिकारियों की मौत की सजा समाप्त कर दी थी. विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी के बीच दुबई में कॉप-28 सम्मेलन से इतर हुई मुलाकात के चार सप्ताह के अंदर सुनाया गया था. एक दिसंबर को हुई भेंट के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि उन्होंने कतर में रह रहे भारतीय समुदाय के बारे में अमीर से बात की थी. माना जाता है कि इसी दौरान नौसैनिकों का मुद्दा भी उठाया गया होगा.

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