इंदौर. रतलाम नगर के मालीकुआं मोहल्ले के एक घर में दिव्यांग बहन कुमारी शारदा शर्मा रहती हैं. वे मूलतः समीप के गांव प्रीतम नगर की रहने वाली हैं और जन्म से ही उनके दोनों पैर पोलियो ग्रस्त हैं. जन्म के बाद ही उनकी माँ की मृत्यु हो गई. दादी ने प्यार से पाल पोस कर शिक्षित कर पैरों पर खड़ा होने लायक बनाया. एम.ए. की शिक्षा प्राप्त कर रतलाम के कलेक्टर कार्यालय में इंटरव्यू के बाद नौकरी हेतु चयन हुआ और इस तरह अपनी दादी के सपनों को साकार किया.
शासकीय सेवा से निवृत्त हुए ५ वर्ष हो गए, अपने घर में ईश्वर के प्रति कृतज्ञ भावों के साथ आनंद का जीवन व्यतीत कर रही दिव्यांग बहन के हृदय में यही भाव थे कि ईश्वर ने अक्षम होने के बाद भी मुझे इतना कुछ दिया है. सैकड़ों वर्षों की प्रतीक्षा के बाद प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर जन्मभूमि पर निर्माण होने वाला है, जब कोई मुझे अयोध्या ले जाएगा तो वहां प्रभु के चरणों में, उसका दिया उसी को मैं भी कुछ अर्पण करुंगी…
और योग ऐसा बना कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के राम भक्तों की समर्पण निधि संग्रह टोली को अपने मोहल्ले में देखा तो दिव्यांग बहन ने उन्हें अपने घर में बुलाया और अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि – “मेरे जीवन में मुझे सब कुछ देने वाला तो भगवान ही है, मैं उन्हें कुछ देने वाली कौन होती हूँ. लेकिन प्रभु ने मुझे जो दिया है, उसमें से मैं अपनी शक्ति के अनुसार अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए फूल की जगह पंखुड़ी अर्पण करना चाहती हूं. मैं चल नहीं सकती हूँ, सोचती थी कि कोई मुझे अयोध्या लेकर जाएगा और राम जी ने आपको ही समर्पण लेने भेज दिया”. इतना कहते हुए दिव्यांग बहन ने ₹21000/- की राशि का चेक राम सेवकों के सामने रख दिया. बहन की ईश्वर के प्रति अपार श्रद्धा, समर्पण और राम भक्तों के प्रति विश्वास देखकर वहां उपस्थित राम भक्त भाव विभोर हो गए.
दिव्यांग बहन के दिव्य समर्पण को प्रणाम…