प्रतीकात्मक फोटो
जैसलमेर. गौ सेवा के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला प्रकाश में आया है. राज्य में गौवंश के संरक्षण के लिए छोटी-बड़ी सैकड़ों गौशालाएं संचालित हैं. कम से कम दो साल पुरानी (पंजीकृत) व दो सौ या उससे अधिक गौवंश रखने वाली गौशालाओं को सरकार वित्तीय वर्ष में 90-90 दिन के दो चरणों में अधिकतम 180 दिनों के लिए अनुदान देती है, जो गौ-वंश की उम्र के अनुसार 40 व 20 रुपये प्रतिदिन है. अनुदान प्राप्त गौशालाओं में गायों को रखने के लिए शेड या भवन होना भी आवश्यक होता है.
लेकिन जैसलमेर संभाग में पशु चिकित्सा अधिकारियों द्वारा गौशालाओं का आकस्मिक निरीक्षण किए जाने पर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. अधिकारियों ने 25 गौशालाओं का निरीक्षण किया, जिनमें से सिर्फ 4 गौशालाओं में ही भवन पाया गया, 21 ऐसी गौशालाएं थीं जहां छाया तक की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी. 12 गौशालाओं में गौवंश था ही नहीं, जबकि अनुदान राशि का भुगतान किया जा चुका था.
एक नजर …….
जंज विकास संस्थान द्वारा संचालित गौशाला को पिछली बार 345 पशुओं के हिसाब से सरकार से 12 लाख 7 हजार 800 रुपये का भुगतान हुआ था. लेकिन इस बार अचानक हुए निरीक्षण के दौरान एक भी गौवंश नहीं मिला. जबकि पिछले कई साल गौशाला संचालक करोड़ों रुपये का अनुदान ले रहे थे. संस्थान के अध्यक्ष / सचिव अब्दुल खां है.
चांधन के मंगलियों की ढाणी में मेवे खां द्वारा संचालित अमन गौशाला में पिछले साल 204 गौवंश के लिए 7 लाख 2 हजार रुपये का अनुदान दिया गया था. लेकिन इस साल भौतिक सत्यापन में एक भी गौवंश गौशाला में नहीं मिला. जबकि इस गौशाला द्वारा भी पिछले सालों में लाखों रुपये का अनुदान लिया गया है.
जैसुराणा में इकबाल खां द्वारा संचालित गुल रोशन गौशाला में पिछले साल 333 पशुधन बताए गए थे. जिस पर पशुपालन विभाग द्वारा 11 लाख 61 हजार रुपये का अनुदान जारी किया गया था. लेकिन इस बार भौतिक सत्यापन में गौशाला में एक भी पशुधन नहीं मिला. जबकि हर साल इस गौशाला के लिए लाखों रुपये का अनुदान लिया जा रहा है.
हमीरा के जैसुराणा में ही संचालित चानणे विकास एवं सेवा संस्थान गौशाला में पिछली बार 315 गौवंश थे. जिसके लिए सरकार ने 10 लाख 78 हजार 200 रुपये का भुगतान किया था. निरीक्षण के समय गौशाला में एक भी गोवंश नहीं मिला. सरकारी सूची के अनुसार इस संस्थान के अध्यक्ष/सचिव अजीज खां हैं.
नसीर खां द्वारा संचालित ख्वाजा गरीब नवाज गौशाला में पिछले साल के 273 की तुलना में इस साल 26, बचल खां द्वारा संचालित मोहम्मद गौशाला सूजियों की ढाणी में पिछले साल 205 की तुलना में इस साल 72, मिठी द्वारा संचालित चांधन स्थित पन्नोधराय गौशाला में पिछले साल 203 की तुलना में इस साल 71, चांधन की आईदान गौशाला में पिछले साल 325 की तुलना में 30, भागु का गांव की सदीक कोटवाल द्वारा संचालित जैसाण कादरी गोशाला में पिछले साल की 535 की तुलना में 230, जैसुराणा की खान मोहम्मद द्वारा संचालित दीन मोहम्मद गौशाला में पिछले साल की 381 की तुलना में इस साल 170, सायब खां द्वारा संचालित जन्नत गौशाला में पिछले साल 418 की तुलना में 80 व अलादीन द्वारा संचालित सिकंदर गौशाला में पिछले साल 455 की तुलना में इस साल 50, वृंदावन गौशाला में पिछले साल की 208 की तुलना में इस साल मात्र 77 गोवंश ही मिले.