नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने लोकसभा में प्रस्तुत बजट (2024-25) में ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र के साथ-साथ प्राकृतिक खेती (Organic Farming) पर भी विशेष ध्यान दिया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को खुशखबरी देते हुए देश में आने वाले 2 वर्ष में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती यानी नेचुरल फार्मिंग से जोड़ने की घोषणा की है. किसानों को सर्टिफिकेशन और ब्रांडिंग से भी जोड़ा जाएगा. इसका कार्यान्वयन वैज्ञानिक संस्थाओं और इच्छुक ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा. किसानों के लिए 10 हजार बायो रिसोर्स सेंटर बनाए जाएंगे. बजट में दलहन तिलहन मिशन के तहत आत्मनिर्भरता पर जोर दिया गया है.
प्राकृतिक खेती
प्राकृतिक खेती (नेचुरल फार्मिंग) पर्यावरण की शुद्धता को बनाए रखने में सहायता करती है. प्राकृतिक खेती में रासायनिक खादों और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता है. इस प्रकार की खेती में प्रकृति में पाए जाने वाले तत्वों का उपयोग खेती में किया जाता है. प्राकृतिक खेती में पौधों को गोबर की खाद, कम्पोस्ट खाद, जीवाणु खाद, फसल अवशेषों और प्रकृति में उपलब्ध खनिजों जैसे रॉक फॉस्फेट, जिप्सम आदि के माध्यम से पोषक तत्व प्रदान किए जाते हैं और फसल को प्रकृति में उपलब्ध बैक्टीरिया, मित्र कीटों और जैविक कीटनाशकों द्वारा हानिकारक बैक्टीरिया से बचाया जाता है.
वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र का बजट बढ़ाया जा रहा है. खेती-किसानी से जुड़ी योजनाओं और कार्यों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
वित्त मंत्री ने कहा, कृषि उत्पादन में उत्पादकता बढ़ाने पर कार्य किया जाएगा. फसलों की नई किस्में जारी करने में मदद दी जाएगी. दलहन और तिलहन के लिए मिशन शुरू किया जाएगा. इनके उत्पादन और मार्केटिंग को मजबूत किया जाएगा. कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा. 5 राज्यों में किसान क्रेडिट कार्ड लॉन्च किया जाएगा. 400 जिलों में डिजिटल खरीफ फसल सर्वे किया जाएगा.