नई दिल्ली. ‘अग्निपथ योजना’ के तहत ‘अग्निवीर’ की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए थलसेना ने भी अपनी वेबसाइट पर गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. थलसेना में अग्निवीरों की भर्ती ‘ऑल इंडिया ऑल क्लास’ के आधार पर होगी. यानि कोई भी अग्निवीर किसी भी रेजिमेंट और यूनिट में तैनात किया जा सकता है. 01 जुलाई को अधिसूचना जारी होगी. इसके बाद युवा पंजीकरण शुरू कर सकते हैं.
अभी तक सेना की इंफेंट्री रेजिमेंट में सैनिकों की भर्ती जाति, धर्म और क्षेत्र के आधार पर होती रही है. अग्निवीरों की भर्ती के लिए नियमों में बदलाव किया गया है. अग्निवीरों के लिए जारी नियमों के अनुसार, सभी अग्निवीर ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट 1923 से बंधे होंगे. इसके तहत कोई भी अग्निवीर किसी भी तरह की गोपनीय जानकारी का खुलासा किसी अवांछित शख्स को नहीं कर सकेगा. इसके अलावा बाकी सभी सुविधाएं और नियम ठीक वैसे ही हैं, जैसे वायुसेना सबसे पहले जारी कर चुकी है.
सेना की गाइडलाइंस के अनुसार, अग्निवीरों को रेगुलर सैनिक की तरह हार्डशिप अलाउंस, यूनीफॉर्म अलाउंस, सीएसडी कैंटीन और मेडिकल सुविधा मिलेगी. ट्रैवल अलाउंस भी मिलेगा. अग्निवीरों को साल में 30 दिन की छुट्टी मिलेगी. इसमें चिकित्सा अवकाश अलग है. सभी अग्निवीरों को 48 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर मिलेगा. चार साल की सेवा के दौरान वीरगति प्राप्त करने वाले अग्निवीर के परिवार को इंश्योरेंस कवर के 48 लाख रुपये के साथ सरकार की तरफ से एक्स-ग्रेशिया 44 लाख रुपये की सहायता राशि भी मिलेगी. नियमों में स्पष्ट किया गया है कि इसके अलावा सेवा निधि पैकेज के तौर पर करीब 11 लाख रुपये और बची हुई नौकरी का पूरा वेतन भी परिवार को मिलेगा. कुल मिलाकर करीब एक करोड़ रुपये परिवार को मिलेंगे.
दुश्मन के खिलाफ शौर्य और पराक्रम के लिए वैसे ही वीरता मेडल मिलेंगे, जैसे अभी सैनिकों को मिलते हैं. ड्यूटी के दौरान 100 प्रतिशत विकलांग होने पर एक्स-ग्रेशिया 44 लाख रुपये मिलेगा. साथ ही बची हुई नौकरी का पूरा वेतन और सेवा निधि पैकेज भी दिया जाएगा.
चार साल की सेवा के दौरान अग्निवीर अपनी मर्जी से सेना नहीं छोड़ सकेंगे. चार साल की सेवा अवधि पूरी करने के बाद ही नौकरी छोड़ पाएंगे. सिर्फ असाधारण परिस्थितियों में ही अपनी सेवा छोड़ सकेंगे. दरअसल, सेवा निधि पैकेज में प्रत्येक अग्निवीर को अपनी मासिक 30 हजार रुपये वेतन का 30 प्रतिशत जमा करना है और इतनी ही राशि हर महीने सरकार जमा करेगी. रिटायरमेंट पर पेंशन और ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी.
किसी असाधारण परिस्थिति में चार साल से पहले सेना से बाहर होने वाले अग्निवीरों को सेवा निधि पैकेज का वही हिस्सा मिलेगा जो उसने योगदान किया है, यानि सरकारी योगदान नहीं मिलेगा. अग्निवीरों की यूनिफॉर्म पर एक अलग बिल्ला होगा जो उन्हें दूसरे रेगुलर सैनिकों से अलग करेगा. 18 वर्ष से कम आयु वाले अभ्यर्थी माता-पिता की अनुमति से ही अग्निपथ स्कीम के लिए आवेदन कर सकेंगे.
भर्ती के लिए पहली रैली अगस्त के दूसरे सप्ताह से शुरू होगी. इसमें फिजिकल टेस्ट और मेडिकल होगा. उसके बाद एंट्रेंस एग्जाम होगा. फिर उन्हें कॉलम में मेरिट के हिसाब से भेजा जाएगा. अगस्त से नवंबर तक दो बैच में रैली होंगी. पहले लॉट में 25 हजार अग्निवीर दिसंबर के पहले सप्ताह में आएंगे. अग्निवीरों का दूसरा जत्था फरवरी में आएगा. देश के हर राज्य में हर आखिरी गांव तक कुल 83 भर्ती रैली होंगी.